‘हर जगह पटवारी और तहसीलदार लेता है घूस’- अशोक गहलोत सरकार के उद्योग मंत्री का विवादित बयान, विपक्ष ने बोला हमला
Rajasthan Congress Ashok Gehlot News: राजस्थान के अशोक गहलोत सरकार के मंत्री परसादी लाल मीणा ने पटवारियों को लेकर विवादित बयान दिया है. उद्योग मंत्री मीणा ने कहा कि राज्य में पटवारियों का घूस लेना रूक नहीं रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ईमानदार पटवारी भी दो फीसदी रिश्वत लेता है. बताया जा रहा है कि परसादी लाल के इस बयान से राज्य में बवाल शुरू हो गया है.
Rajasthan News: राजस्थान के अशोक गहलोत सरकार के मंत्री परसादी लाल मीणा ने पटवारियों को लेकर विवादित बयान दिया है. उद्योग मंत्री मीणा ने कहा कि राज्य में पटवारियों का घूस लेना रूक नहीं रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ईमानदार पटवारी भी दो फीसदी रिश्वत लेता है. बताया जा रहा है कि परसादी लाल के इस बयान से राज्य में बवाल शुरू हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बूंदी के दौरे पर कार्यकर्ताओं की जनसुनवाई के दौरान परसादी लाल मीणा ने कहा कि देश में कहीं भी ईमानदार पटवारी नहीं है. पटवारी लोग बिना रिश्वत के काम नहीं करते हैं. वहीं परसादी लाल का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
विपक्ष ने साधा निशाना- इधर, परसादी लाल मीणा के वीडियो वायरल होने पर विपक्ष ने निशाना साधा है. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा, ‘RSS जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर आरोप लगाने से पहले अशोक गहलोत को अपने ही मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य परसादी लाल मीणा के उस वीडियो पर संज्ञान लेना चाहिए जिसमें वह खुद स्वीकार कर रहे हैं कि तहसीलदार व नायब तहसीलदार 2% घूस के बिना काम नहीं करते.’
उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार… मंत्री जी के इस वक्तव्य का आधार क्या है? अगर मंत्री जी को घूसखोर नौकरशाहों की जानकारी है तो उन्हें तत्काल प्रभाव से इसे एसीबी के साथ साझा करना चाहिए अन्यथा रिश्वत लेने वाले नौकरशाहों की जानकारी छुपायी जाने पर उनके खिलाफ FIR दर्ज करनी चाहिए.
कोरोना कार्यों की समीक्षा के लिए पहुंचे थे बूंदी- बताते चलें कि परसादी लाल मीणा बूंदी जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं. मीणा यहां पर कोरोना कार्यों की समीक्षा के लिए पहुंचे थे. इस दौरान जिला प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा ने आज कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना घोषित पैकेज का लाभ प्रत्येक पात्र को मिले, संभावित कोविड की तीसरी लहर के मुकाबले के लिए चिकित्सा व्यवस्थाएं एवं संसाधन मुस्तैद हों. बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करें.
Posted By : Avinish Kumar Mishra