जयपुर : राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राशन सामग्री एवं भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवा भाव के साथ किया जाये. इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाये.
श्री गहलोत ने कहा कि सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये, लेकिन साथ ही हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिलना सुनिश्चित हो. एक सरकारी बयान में उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सक्षम हैं, वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखी राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन के पैकेट पर पहला हक उन निराश्रित, बेसहारा तथा जरूरतमंद लोगों का है, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह सरकार एवं जनसहयोग पर आश्रित हो गये हैं.
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उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि इस कार्य के लिए स्वयंसेवी संगठनों को निरंतर प्रोत्साहित किया जाये और अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं को भोजन वितरण को लेकर आने वाली समस्याओं का निराकरण भी तत्काल प्रभाव से किया जाये. राशन एवं भोजन के पैकेट वितरित करते समय भौतिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाए. इस दौरान किसी तरह की भीड़ एकत्र नहीं हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के संबंध में उचित कदम उठायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार संकट की इस घड़ी में उद्यमियों के साथ खड़ी है. वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के औद्योगिक संगठनों, खाद्य पदार्थ एवं किराना संघों, सब्जी विक्रेता संघ, दवा एसोसिएशन, आढ़तिया व्यापार संघ, डेयरी संघ, होटल, खनन एवं ज्वेलरी व्यवसायी तथा बिल्डर्स आदि से चर्चा कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने इन सभी से आवश्यक वस्तुओं की सुचारु आपूर्ति, इसमें आ रही बाधाओं को दूर करने तथा लॉकडाउन खोलने को लेकर उनके सुझाव लिये. उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में ‘पास’ को लेकर आ रही परेशानियों का समाधान भी जल्द कर दिया जायेगा. गहलोत ने कहा कि जिन उद्योगों में उत्पादन चल रहा है, वहां श्रमिकों के बीच सामाजिक मेल-जोल से दूरी का पालन सुनिश्चित किया जाये.
उन्होंने कहा कि कारखानों में मास्क एवं सैनिटाइजर उपलब्ध कराये जायें. साथ ही मंडियों में भी भीड़ एकत्र न हो. स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाये. उद्यमियों एवं सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि कोई भी निर्णय हो, जीवन की रक्षा पहली प्राथमिकता है. लॉकडाउन के संबंध में सरकार जो भी निर्णय करेगी, हम सभी उसका पालन पूरी तरह सुनिश्चित करेंगे.