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Ashok Gehlot Cabinet Expansion: अशोक गहलोत कैबिनेट विस्तार से पहले इन मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी, जानिए

Ashok Gehlot Rajasthan Cabinet Expansion: जिन मंत्रियों को कैबिनेट से निकाला जाएगा, उनके लिए पांच आधार तय किया गया है. मंत्रियों को रिपोर्ट कार्ड, जनता से संपर्क, मंत्रालय में पकड़ और कामकाज की गति, घोषणा पत्र का क्रियान्वयन, कार्यकर्ताओं का फीडबैक, प्रभार वाले जिलों में नियमित दौरे और पंचायत, स्थानीय निकाय चुनाव में खुद के निर्वाचन, गृह और प्रभार वाले जिले में पार्टी की स्थिति के आधार पर हटाया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2021 1:40 PM

Rajasthan News: राजस्थान में सियासी भूचाल के बीच अशोक गहलोत कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि जून के तीसरे हफ्ते में नए मंत्रियों का शपथग्रहण समारोह हो सकता है. वहीं विस्तार से पहले कुछ मंत्रियों को हटाये जाने की भी चर्चा है. सीएम अशोक गहलोत परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्रियों की छुट्टी कर सकत हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अशोक गहलोत कैबिनेट से करीब 4-6 मंत्री को हटाया जा सकता है. इन सभी मंत्रियों की सूची बना ली गई है, जल्द ही हाईकमान के पास इनका नाम भेजा जाएगा. पंचायत और निकाय चुनाव में परफॉर्मेंस के आधार पर इन मंत्रियों को हटाए जाने की बात कही जा रही है.

कैबिनेट विस्तार में ये नाम सबसे आगे- सूत्रों के अनुसार राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के अशोक गहलोत कोटा से बृजेंद्र ओला, दीपेंद्रसिंह शेखावत जबकि पायलट कैंप से मुरारी मीणा, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह और हेमाराम चौधरी वहीं तीन निर्दलीय संयम लोढ़ा, महादेवसिंह खंडेला और मंजू मेघवाल को शामिल किए जाने की बात कही जा रही है, जबकि बसपा से शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा और जोगेंद्रसिंह अवाना भी मंत्री बनाए जा सकते हैं.

सचिन पायलट जा सकते हैं दिल्ली- इधर, सचिन पायलट के नाराजगी के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने फोन कर बातचीत की. बताया जा रहा है कि दौसा के बाद सचिन पायलट दिल्ली जा सकते हैं. वहां पर वे सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं.

मंत्रियों के छुट्टी का आधार- सूत्रों के अनुसार जिन मंत्रियों को कैबिनेट से निकाला जाएगा, उनके लिए पांच आधार तय किया गया है. मंत्रियों को रिपोर्ट कार्ड, जनता से संपर्क, मंत्रालय में पकड़ और कामकाज की गति, घोषणा पत्र का क्रियान्वयन, कार्यकर्ताओं का फीडबैक, प्रभार वाले जिलों में नियमित दौरे और पंचायत, स्थानीय निकाय चुनाव में खुद के निर्वाचन, गृह और प्रभार वाले जिले में पार्टी की स्थिति के आधार पर हटाया जाएगा.

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Posted By: Avinish Kumar Mishra

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