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Assembly Elections 2022: चुनाव उत्तर प्रदेश में, दांव पर प्रतिष्ठा पंजाब और राजस्थान के दिग्गज नेताओं की

Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश के चुनाव में पंजाब और राजस्थान के सीनियर लीडर्स की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. जानें क्या है पूरा मामला...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2022 7:19 PM

जयपुर: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव राजस्थान में भी लड़े जा रहे हैं, लेकिन कुछ अलग ढंग से. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व कांग्रेस ने राज्य के अपने आधा दर्जन से अधिक दिग्गज नेताओं को इन राज्यों के चुनावों में बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी है.

इसे चुनावी जिम्मेदारी पाने वाले इन नेताओं के लिए पार्टी आलाकमान के सामने अपनी काबलियत दिखाने के बड़े अवसर के रूप में देखा जा रहा है. उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर भी कयास लगने लगे हैं. गौरतलब है कि पंजाब व उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) के साथ-साथ उत्तराखंड (Uttarakhand Assembly Election 2022), मणिपुर (Manipur Assembly Election 2022) व गोवा (Goa Assembly Election 2022) में विधानसभा चुनाव अगले महीने 7 चरणों में होने हैं.

केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजस्थान (Rajasthan) के जिन नेताओं को इन चुनावों में जिम्मेदारी सौंपी है, उनमें केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal), गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) व भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) हैं. वहीं, राज्य में शासन कर रही कांग्रेस (Congress) के कद्दावर हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) व जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) वे नेता हैं, जिन पर इन चुनावों में बड़ा दारोमदार रहेगा.

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पंजाब (Punjab Assembly Election 2022) में तो भाजपा व कांग्रेस, दोनों ने ही राजस्थान के नेताओं पर पूरा भरोसा जताया है. भाजपा ने जोधपुर से सांसद, जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रभारी बनाया है, तो गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री, विधायक हरीश चौधरी कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हैं. उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बीकानेर से सांसद व केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को सह प्रभारी बनाया है.

कांग्रेस की ओर से वहां वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है. वे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष हैं, जबकि संगठन सचिव के रूप में धीरज गुर्जर वहां सक्रिय हैं. इसी तरह कांग्रेस ने उत्तराखंड में राज्य से कुलदीप इंदौरा को सह प्रभारी बनाया है.

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संगठन की ओर से वहां राज्य के दो मंत्रियों भजनलाल जाटव तथा राजेंद्र यादव व 9 विधायकों सहित 12 लोगों को पर्यवेक्षक के रूप में काम पर लगाया गया है. मणिपुर में भाजपा के चुनाव प्रभारी राजस्थान से राज्यसभा सदस्य, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव हैं. भाजपा ने हाल ही में राजस्थान से अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को पंजाब में प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में भेजा है.

भाजपा व कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, विशेष रूप से पंजाब व उत्तर प्रदेश, जिनकी सीमा राजस्थान से लगती हैं, वहां आने वाले दिनों में यहां के और नेताओं कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है. वहीं, दूसरे राज्यों में जिम्मेदारी पाने वाले नेता इसे एक अवसर के रूप में देखते हैं.

राजस्थान के डॉ रघु शर्मा को कांग्रेस ने गुजरात का प्रभारी बनाया

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने यहां के नेताओं को दूसरे राज्यों में बड़ी जिम्मेदारियां देकर, उनके कार्यक्षमता में अपना भरोसा दिखाया है. वह इसमें कितना खरा उतरते हैं, यह तो चुनाव परिणामों से ही पता चलेगा. कांग्रेस में इस तरह की जिम्मेदारी पाने वालों में डॉ रघु शर्मा भी हैं, जिन्हें गुजरात का प्रभारी बनाया गया है. वहां इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

राजस्थान के कई मंत्रियों ने संगठन के लिए छोड़ा मंत्री का पद

मौजूदा अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे डॉ रघु शर्मा, हरीश चौधरी व गोविंद सिंह डोटासरा ने संगठन में काम करने की मंशा से कुछ महीने पहले मंत्री पद छोड़ा था. डोटासरा राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन चुनावों का परिणाम आने वाले समय में, वहां बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं के राजनीतिक भविष्य को बदल सकता है.

Posted By: Mithilesh Jha

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