राजस्थान सरकार ने 37 नये महाविद्यालय इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू करने का फैसला किया है. इसके साथ ही राज्य के दस स्नातक महाविद्यालयों को उन्नत कर उनमें स्नातकोत्तर स्तर तक की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दो बजट में नए महाविद्यालय खोलने और स्व वित्त पोषित महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालय का दर्जा देने की महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं.
इसी के तहत 37 नये महाविद्यालय इसी शैक्षणिक सत्र 2020-21 से शुरू करने का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने 10 स्नातक महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने तथा पांच स्व वित्त-पोषित महाविद्यालयों और चार निजी महाविद्यालयों को राज्य सरकार के अधीन करने के लिए प्रस्तावों का अनुमोदन भी किया है.
बयान में बताया गया है कि बांसवाड़ा के छोटी सरवन, गांगडतलाई, अलवर के मालाखेड़ा, कठूमर एवं रामगढ़, बीकानेर के देशनोक, बूंदी के हिंडौली, अजमेर के भिनाय, सांवर, जैसलमेर के भणियाणा, बाड़मेर के सिणधरी, समदड़ी, पाटौदी, गडरा रोड एवं सेड़वा, जयपुर के कोटखावदा, बगरू, राड़ावास, जामडोली एवं कंवर नगर, झुंझुनूं के चिड़ावा, सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर, भीलवाड़ा के गंगापुर, धौलपुर के सरमथुरा एवं बसई नवाब, भरतपुर के रूपवास एवं सीकरी, चित्तौड़गढ़ के गंगरार, दौसा के नांगल राजावतान, करौली के मासलपुर, जोधपुर के कुडी भगतासनी एवं लोहावट, सीकर के लोसल एवं फतेहपुर में, झुन्झुनूं के सूरजगढ़, चूरू के राजलदेसर में और नागौर के मकराना में नए महाविद्यालय खोले जा रहे हैं.