भाजपा ने शुरू किया डैमेज कंट्रोल, नाराज पूर्व सांसदों के साथ जातीय वोट बैंक को भी साधने का प्रयास
चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले राजस्थान की भाजपा सरकार ने नाराज चल रहे पूर्व सांसद सीआर चौधरी व जसवंत विश्नोई सहित 7 नेताओं को आयोग और बोर्ड में अध्यक्ष बना दिया है.
जयपुर, वीरेंद्र आर्य : राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नाराज नेताओं को मनाकर भितरघात के खतरे से निपटने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले राजस्थान की भाजपा सरकार ने नाराज चल रहे पूर्व सांसद सीआर चौधरी व जसवंत विश्नोई सहित 7 नेताओं को आयोग और बोर्ड में अध्यक्ष बना दिया है.
कई समाज को साधने के लिए भाजपा ने उठाया ये कदम
नेताओं की नाराजगी दूर करने के साथ जाट, राजपूत, विश्नोई, गुर्जर, एससी, मूल ओबीसी समाज को भी साधने का प्रयास किया है. इसके अलावा, पूर्व सांसद करण सिंह यादव व पूर्व विधायकों सहित 18 से अधिक कांग्रेस नेताओं और आरएलपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक पुखराज गर्ग सहित अन्य पार्टियों से 17 नेता भी भाजपा में शामिल हुए.
आयोग व बोर्डों में अध्यक्षों की हुई नियुक्ति
भारतीय जनता पार्टी ने उन आयोग व बोर्डों में अध्यक्ष पदों पर नियुक्तियां कर दीं हैं, जो वोट बैंक के लिहाज से भी बड़े वर्ग को प्रभावित करता है. राजनीतिक रूप से अहम माने जाने वाले किसान आयोग, देवनारायण बोर्ड, एससी वित्त निगम, सैनिक कल्याण समिति शामिल हैं. इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने के आदेश अलग से जारी किए जाएंगे.
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नाराज सीआर चौधरी को मनाने के लिए की राजनीतिक नियुक्ति
नागौर से ज्योति मिर्धा को प्रत्याशी बनाने के बाद इसी सीट से पूर्व सांसद सीआर चौधरी नाराज चल रहे थे. उन्हें राजनीतिक नियुक्ति देकर प्रदेश के बड़े वोट बैंक के लिहाज से जाट समाज को भी साधने का प्रयास किया गया है. सैनिक कल्याण समिति में पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर को नियुक्ति देकर राजपूत समाज को संतुष्ट करने की कोशिश की है.
मारवाड़ विश्नोई समाज को भी साधने की भाजपा ने की कोशिश
इधर, भाजपा ने मारवाड़ में विश्नोई समाज को साधने और पूर्व सांसद जसवंत विश्नोई की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति दी है. उन्होंने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए नाराजगी जाहिर की थी.
सोशल मीडिया पोस्ट में विश्नोई ने जताई थी नाराजगी
जोधपुर से पूर्व सांसद जसवंत विश्नोई नाराज चल रहे थे. उन्होंने पिछले दिनों सोशल मीडिया पोस्ट करके इशारों में नाराजगी जाहिर की थी. पश्चिमी राजस्थान में प्रभावशाली विश्नोई समाज से आने वाले जसवंत विश्नोई को राजनीतिक नियुक्ति देकर सियासी मैसेज देने के साथ उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया है. एससी वित्त विकास निगम के जरिए दलित वोटर्स और माटी कला बोर्ड एवं विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के जरिए मूल ओबीसी को खुश करने की कोशिश की है.