तमिलनाडु के कोयंबटूर में जब्त हुई राजस्थान के प्रवासियों को लेकर आ रही बस
जयपुर/कोयंबटूर : राजस्थान के विभिन्न इलाकों से 25 श्रमिकों को लेकर आ रही ओमनीबस को तमिलनाडु के कोयंबटूर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने और फर्जी ई-पास का इस्तेमाल करने के आरोप में जब्त किया गया है. पुलिस ने बताया कि जब ई-पास के क्यूआर कोड को स्कैन किया गया, तो पता चला कि यह ई-पास कार के लिए जारी किया गया था और फर्जी तरीके से कुछ श्रमिक तमिलनाडु आये थे.
जयपुर/कोयंबटूर : राजस्थान के विभिन्न इलाकों से 25 श्रमिकों को लेकर आ रही ओमनीबस को तमिलनाडु के कोयंबटूर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने और फर्जी ई-पास का इस्तेमाल करने के आरोप में जब्त किया गया है. पुलिस ने बताया कि जब ई-पास के क्यूआर कोड को स्कैन किया गया, तो पता चला कि यह ई-पास कार के लिए जारी किया गया था और फर्जी तरीके से कुछ श्रमिक तमिलनाडु आये थे.
उन्होंने बताया कि कुछ श्रमिकों ने कहा कि वे कोयंबटूर और इरोड जिले के पेरुनदुरई में काम करते हैं और यहां काम की तलाश में आये थे. पुलिस ने बताया कि सभी श्रमिकों और पांच चालकों का कोविड-19 जांच की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सभी श्रमिकों के नमूने ले लिये हैं और उन्हें पृथकवास नियम के तहत जांच चौकी के पास ही एक विवाह घर में ठहराया गया है.
उधर, राजस्थान के कई अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को उचित उपचार नहीं मिलने की खबरों के बीच राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी चिकित्सकों को ऐसे रोगियों का उपचार गंभीरता से करने को कहा है. उन्होंने कहा कि उपचार में लापरवाही की शिकायतों की जांच करवाकर लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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डॉ शर्मा ने कहा कि राज्य के किसी भी राजकीय या निजी चिकित्सालय में कोविड-19 के उपचार में कोई कमी महसूस होने पर इसकी शिकायत चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 0141-2225624 पर की जा सकती है. उन्होंने कहा कि शिकायतों के शीघ्र समाधान के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जा रही है. उनसे प्रतिदिन रिपोर्ट ली जायेगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों को मनमानी फीस वसूलने की छूट नहीं दी जा सकती, उन्हें सरकार द्वारा तय की गयी निर्धारित राशि के आधार पर ही चिकित्सा सुविधाएं देनी होगी. ऐसा नहीं करने वाले निजी चिकित्सालयों के खिलाफ सरकार को मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ेगा.
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी सामुदायिक संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है. राज्य में बाहर से आने वाले ‘सुपर स्प्रेडर’ की वजह से भरतपुर और धौलपुर जैसे जिलों में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सुकून की बात यह भी है कि प्रदेश में रोगियों के ठीक होने की संख्या में खासा इजाफा हुआ है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 78 फीसदी लोग संक्रमण मुक्त होकर अपने घर जा चुके हैं. डॉ शर्मा ने कहा कि जांचों के मामले में सरकार अन्य राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा आगे है. वतर्मान में राजस्थान में प्रतिदिन 25,000 से ज्यादा जांच करने की क्षमता है. आने वाले दिनों में यह क्षमता 40,000 तक पहुंच जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha