केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट राजस्थान के लिए भविष्य में गहरे जलसंकट का संकेत देती है. जिसमें एक सर्वे में पिछले साल की तुलना में राज्य में भूजल में 64% की गिरावट दर्ज की गई है.
राजस्थान में भूजल स्तर को चेक करने के लिए भूजल विभाग राज्य में 1,000 से अधिक कुओं का अध्ययन करता है. मानसून के पहले और बाद में इसका सर्वे किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2019 से नवंबर 2020 तक के वार्षिक जल स्तर में होने वाले उतार-चढाव को दर्ज किया गया है. जिसमें 34.44% जलमार्ग स्टेशनों में वृद्धि देखी गई, जबकि 64.55% के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं 1.01% स्टेशनों के जलस्तर में कोई बदलाव नहीं पाया गया है.
गंगानगर,जैसलमेर, चुरू, कोटा, बांसवाड़ा, अजमेर, बारां, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, पाली, सहित कई अन्य जिलों में जलस्तर में 2 मी से कम की वृद्धि दर्ज की गई है. जबकि दौसा, जालोर, जोधपुर सहित कई जिलों में 2 मी से 4 मी के बीच वृद्धि दर्ज की गई है.
हालांकि, प्री-मानसून अवधि यानी मई 2020 से नवंबर-मानसून नवंबर 2020 के बीच जल स्तर के अध्ययन से पता चला है कि 61.06% स्टेशनों में पानी रिचार्ज किया गया है. जबकि 38.42% स्टेशनों में गिरावट देखी गई है.दक्षिण और दक्षिण-मध्य भाग तक ही जल स्तर में वृद्धि देखने को मिली है.
Posted By: Thakur Shaktilochan