भीलवाड़ा : राजस्थान का भीलवाड़ा जिला पिछले महीने कोरोना वायरस संक्रमण का हॉटस्पॉट बन कर उभरा था. यहां के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद उस अस्पताल के कई स्वास्थ्यकर्मी भी पॉजिटिव हो गये थे, लेकिन समय रहते सरकार ने इसे काबू में कर लिया.कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लिया और पूरे शहर में कर्फ्यू लगाकर बॉर्डर सील कर दिया गया. जिले की सीमाएं सील करते हुए 14 एंट्री पॉइंट्स पर चेक पोस्ट बनायीं, ताकि कोई भी शहर से न बाहर जा सके और न अंदर आ सके.
भीलवाड़ा में कोरोना के आंकड़ों को 27 पर ही रोक दिया गया. 16 हजार स्वास्थ्य कर्मियों की टीम को एक साथ भीलवाड़ा भेजा गया गया. स्वास्थ्य कर्मियों ने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग शुरू कर दी. इस दौरान करीब 18 हजार लोगों में सर्दी-जुकाम के लक्षण पाये गये. कोरोना संक्रमण के बाद देश में पहली बार भीलवाड़ा में इस तरह का काम शुरू किया गया और यह कारगर साबित हुआ. भीलवाड़ा में सरकार ने समय रहते तो जरूरी कदम उठाये हैं, वह सराहनीय है.
अब भीलवाड़ा मॉडल को देशभर में लागू करने की बात कही जा रही है. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भीलवाड़ा में किये गये उपायों की तारीफ करते हुए इस मॉडल को देशभर में लागू करने के संकेत दिये.भीलवाड़ा 26 संक्रमितों और दो मरीजों की मौत के साथ राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला था, लेकिन यहां 30 मार्च से एक भी कोविड-19 का नया मामला सामने नहीं आया है, जबकि देशभर में अब तक कोरोना के 4281 मामले सामने आ चुके हैं. मौत का आंकड़ा 111 पहुंच गया है.