जयपुर : राजस्थान में कोरोना वायरस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) से अपील की है कि वे इस आपदा से निबटने में मदद करें. राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि राज्य में कोरोना वायरस के पांच और नये मामले सामने आने के बाद राज्य में अब तक इससे संक्रमित लोगों की संख्या 17 हो गयी है.
इसमें इतावली दंपती शामिल नहीं है, जो कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो गये हैं. कोरोना वायरस के 17 पॉजिटिव लोगों में तीन लोग वायरस से ठीक हो गये थे. कोरोना वायरस से ठीक हुए इन तीन लोगों में 69 वर्षीय इतावली पर्यटक भी शामिल है, जिसकी गुरुवार की रात को एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी. इतावली पर्यटक दिल और फेफड़े का मरीज था और उसे सवाईमान सिंह चिकित्सालय से कोरोना वायरस संक्रमण ठीक होने पर छुट्टी दी गयी थी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में 17 लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाये गये हैं. 14 मामलों में से इतावली दंपती सहित तीन लोग कोरोना वायरस मुक्त हो गये थे. 37 रिपोर्ट प्रक्रियाधीन है. 14 कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों में से पांच जयपुर में, तीन झुंझुनूं में और छह भीलवाड़ा के लोग हैं. उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक का कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया जाना एक गंभीर मामला है.
उन्होंने कहा कि जब एक चिकित्सक कोविड19 का पॉजिटिव पाया गया, तो वायरस के समाज में फैलने की स्थिति खतरनाक है. शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा में कर्फ्यू लागू किया गया है और सीमाओं को सील कर दिया गया है. संक्रमित चिकित्सक ने कई लोगों को देखा होगा. अस्पताल में 253 लोग हैं और देखना है कि कितने लोग संक्रमण से प्रभावित हुए हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण को रोकने में स्वयंसेवी संगठनों से सरकार के प्रयासों में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है. गैर-सरकारी संगठन आमजन में जागरूकता लाने में प्रभावी भूमिका अदा कर सकते हैं.
गहलोत ने इन संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि एनजीओ समाज के गरीब तबकों के साथ-साथ हर वर्ग से जुड़कर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं. ऐसी आपदाओं में वे अपने अनुभवों का इस्तेमाल कर सरकार के लिए मददगार साबित हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आदि के माध्यम से इस रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने, कालाबाजारी रोकने, दवा, भोजन सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराने, सरकार द्वारा जारी परामर्श के पालन के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यों में भी आगे आकर अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं.
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि अब नमूनों को पुणे या अन्य स्थानों पर भेजने की आवश्यकता नहीं है. हर जिले में पृथक वार्ड की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गयी है. मास्क एवं चिकित्सकीय उपकरणों की कोई कमी नहीं है. बैठक में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस संक्रमण के रोकथाम के लिए सुझाव दिये.