जयपुर : राजस्थान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि कोरोनो वायरस मरीजों के इलाज में एचआईवी रोधी दो दवाओं का संयोजन महत्वपूर्ण साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के मरीजों को एचआईवी रोधी दवाएं दी गईं और उनकी स्थिति में सुधार हुआ. राज्य में कोरोना वायरस के चार मरीजों में से तीन अब इस विषाणु मुक्त हो गये हैं.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राजस्थान के पहले दो कोरोना वायरस मरीज 69 वर्षीय और 70 वर्षीय इतावली दंपत्ति थे जिनमें फ्लू जैसे लक्षण थे इसलिये उन्हें शुरूआत में मलेरिया रोधी और स्वाईनफ्लू रोधी दवाईयां दी गई. उन्होंने बताया कि इसके साथ साथ हमारे चिकित्सक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के सम्पर्क में थे.
चूंकि कोरोना वायरस और एचआईवी के स्ट्रक्चर में कुछ हद तक समानता है इसलिये चिकित्सकों ने एचआईवी रोधी दो दवाओं के संयोजन का प्रयोग किया. उन्होंने बताया कि दो दवाओं का संयोजन का परिणाम सार्थक साबित हुआ ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि तीन मरीजों में सुधार देखा गया. अच्छी बात यह है कि सभी तीनों मरीज बुजुर्ग है और इस उम्र के मरीजों में दवाइयों का सफल परिणाम मिलना बडी बात है.
सवाईमानसिंह चिकित्सालय के अधीक्षक डा डी एस मीणा ने बताया कि एचआईवी रोधी दवाइयां तीनों मरीजों के लिये कारगार साबित हुई. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य में सुधार होने पर इतावली महिला को पहले ही अस्पताल से राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में शिफ्ट किया जा चुका है जबकि उनके इतालवी पति और 85 वर्षीय जयपुर निवासी बुजुर्ग के कोरोनावायरस संक्रमण में सुधार होने पर अस्पताल के पृथक वार्ड से अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया जा रहा है. चौथे संक्रमित 24 वर्षीय युवक का उपचार सवाईमानसिंह चिकित्सालय के पृथक वार्ड में किया जा रहा है.