राजस्थान के जेके लोन अस्पताल में पिछले 24 घंटे में नौ शिशुओं की मौत मामले में जिलाधिकारी ने गठित की समिति
जयपुर : राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले 24 घंटों में नौ नवजात शिशुओं की मौत हो जाने के बाद जिला कलेक्टर ने जांच के लिए समिति गठित की है. जेके लोन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एस सी दुलारा ने कहा है कि, ''नौ नवजात शिशुओं में से तीन को मृत लाया गया. तीन को जन्मजात बीमारियां थी और दो स्थानांतरित मामले थे.''
जयपुर : राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले 24 घंटों में नौ नवजात शिशुओं की मौत हो जाने के बाद जिला कलेक्टर ने जांच के लिए समिति गठित की है. जेके लोन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एस सी दुलारा ने कहा है कि, ”नौ नवजात शिशुओं में से तीन को मृत लाया गया. तीन को जन्मजात बीमारियां थी और दो स्थानांतरित मामले थे.”
9 newborns have lost their lives, out of which 3 were brought dead. I've issued directions that under no circumstances should we lose the life of any newborn due to the negligence of doctors. CM & govt is taking this issue very seriously: Rajasthan Health Minister Raghu Sharma https://t.co/rEdEgB15Uz pic.twitter.com/DvFm9JT6kS
— ANI (@ANI) December 10, 2020
वहीं, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि ”नौ नवजात शिशुओं ने अपनी जान गंवाई है. इनमें से तीन को मृत लाया गया. मैंने निर्देश जारी किये हैं कि किसी भी परिस्थिति में हमें डॉक्टरों की लापरवाही के कारण किसी भी नवजात शिशु का जीवन नहीं खोना चाहिए. मुख्यमंत्री और सरकार इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रही है.
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, सरकार प्रवक्ता ने बताया है कि डॉ शर्मा ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ शिशुओं की मौत की सूचना मिलते ही स्थानीय प्राचार्य और प्रशासनिक अधिकारियों को घटना की शुरुआती जांच कर तत्काल रिपोर्ट मांगी है. साथ ही कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से भी इस बारे में रिपोर्ट मांगी है.
वहीं, चिकित्सकों ने बताया है कि नौ मृत शिशुओं में तीन की मौत सीओटी के कारण हुई है. शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चे को घुटन की स्थिति में, दूध पिलाते समय हुई गलती सहित अन्य कारणों को सीओटी के कारण मृत्यु माना जाता है.
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को नवजात शिशुओं की समुचित देखभाल सुनिश्चित करने को कहा है. उन्होंने कहा है कि उपचार में लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इधर, जिलाधिकारी ने भी जांच के लिए समिति गठित कर दी है.