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ड्यूटी के दौरान कोविड19 संक्रमण से मृत्यु पर कर्मचारी के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता

families of employees fighting with covid19 will get rs 50 lakhs on death जयपुर : राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के अभियान में तैनात किसी कर्मचारी की संक्रमण की वजह से मृत्यु होने पर उसके परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह घोषणा की है.

By Mithilesh Jha | April 11, 2020 11:13 AM

जयपुर : राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के अभियान में तैनात किसी कर्मचारी की संक्रमण की वजह से मृत्यु होने पर उसके परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह घोषणा की है.

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उन्होंने ट्वीट किया, ‘राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों की कोरोना अभियान से संबंधित ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता आश्रित/परिवार को दी जायेगी.’ उन्होंने कहा है कि भारत सरकार ने कोरोना-महाप्रकोप में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने पर सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख रुपये का बीमा करने की घोषणा की है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इसका दायरा बढ़ाते हुए उक्त स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा अन्य सभी राज्य कर्मचारियों (पटवारी, ग्राम सेवक, कांस्टेबल इत्यादि) को भी इसके अधीन किया है. इसी तरह, सफाई कर्मचारी व स्वास्थ्य कर्मचारी जैसे संविदा कर्मी, होमगार्ड, सिविल डिफेंस,आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आशा जैसे मानदेय कर्मचारियों को भी को कोरोना अभियान ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख की सहायता दी जायेगी.

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स्वयं सहायता समूह बनायेंगे मास्क

कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किये जाने के मद्देनजर राजस्थान के नगरीय निकाय क्षेत्रों में गठित स्वयं सहायता समूह मास्क बनायेंगे. स्वायत्त शासन विभाग ने इस बारे में निर्देश जारी किये हैं. राज्य सरकार ने वायरस संक्रमण के संकट से निबटने के प्रयासों के तहत राजस्थान में सभी नगरीय क्षेत्रों और मंडियों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है.

स्वायत्त शासन विभाग ने समस्त नगरीय निकायों को निर्देश दिये हैं कि वे सभी स्वयंसहायता समूह को मास्क बनाने के लिए कपड़ा उपलब्ध करायें. नगरीय निकायों से कहा गया है कि वे आवश्यकता अनुसार कपड़ा क्रय करके समूहों को उपलब्ध करवायें.

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इसके साथ ही कपड़े से बनाये गये मास्क निकायों में कार्यरत समस्त कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, आश्रय स्थलों में रह रहे लोगों, पथ विक्रेताओं, निराश्रित व्यक्तियों और आवश्यकता अनुसार अन्य सभी सरकारी विभागों में निशुल्क वितरित करने को कहा गया है.

पुलिसकर्मियों को भी दी जायेगी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जिन इलाकों में कर्फ्यू लगा है, वहां तैनात पुलिसकर्मियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा दी जायेगी. अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने इस संबंध में एक परामर्श जारी किया है.

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इसके अनुसार, कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में सेवा दे रहे पुलिसकर्मियों को नेशनल टास्क फोर्स कोविड-19 की अनुशंसा के अनुसार चिकित्सकीय देखरेख में निर्धारित मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की दवा देने की सलाह दी गयी है.

सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को जिला पुलिस अधीक्षक की मांग के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में तैनात पुलिसकर्मियों को अपनी देखरेख में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की दवा की निर्धारित मात्रा दिया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं. जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं, वहां कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा कर्फ्यू लगाया गया है.

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