राजस्थान के ऐसे चार गांव जहां अब तक ना तो कोई कोरोना संक्रमित हुआ और ना ही किसी की हुई मौत
Rajasthan, Dungarpur, Corona infection : जयपुर : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका जतायी जा रही है. शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए नाकाफी हैं. ग्रामीण इलाकों में कोरोना महामारी के लक्षणों को भी छिपाया जा रहा है. इससे मरीज की हालत और खराब होती जाती है. बाद में जब तक मरीज को लेकर बड़े अस्पताल लाया जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
जयपुर : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका जतायी जा रही है. शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए नाकाफी हैं. ग्रामीण इलाकों में कोरोना महामारी के लक्षणों को भी छिपाया जा रहा है. इससे मरीज की हालत और खराब होती जाती है. बाद में जब तक मरीज को लेकर बड़े अस्पताल लाया जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
वहीं, राजस्थान के डूंगरपुर जिले के लिंबाडिया ग्राम पंचायत के चार गांवों के करीब चार हजार ग्रामीणों ने कोरोना वायरस संक्रमण को दूर रखने में कामयाब हुए हैं. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इन गांवों के ग्रामीण बिना मास्क लगाये अपने घरों से बाहर नहीं निकलते हैं. साथ ही सोशल डिस्टेन्सिंग का कड़ाई से पालन करते हैं. क माह से विवाह और अन्य समारोहों का आयोजन ग्रामीणों की ओर से नहीं किया जा रहा है.
लिंबाडिया ग्राम पंचायत के लिंबाडिया, ढेबरिया, गड़िया और रतनपुरा गांवों में अधिकतर आबादी मजदूर और किसान हैं. ये सभी कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल का पालन पूरी कड़ाई से करते हैं. डूंगरपुर जिला परिषद की सीईओ अंजलि राजोरिया के मुताबिक, ग्रामीणों की सोच-समझ के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों, चिकित्सा विभाग और जन प्रतिनिधियों के सम्मिलित प्रयासों से इन गांवों में एक भी कोरोना पॉजिटिव या कोरोना संक्रमण से मौत की सूचना नहीं है.
सरपंच नर्मदा देवी ताबियाद गांवों की घरों में घूम-घूम कर महिलाओं को स्वच्छता को लेकर जागरूक कर रही है. वहीं, पंचायत सदस्यों, चिकित्सा कर्मचारियों और क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों की कोर कमेटी अपने-अपने इलाकों के लोगों की स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है. इन्फ्लएंजा जैसी बीमारी के लक्षणों वाले लोगों को चिकित्सा किट दी गयी है. लॉकडाउन के कारण गांव लौटे प्रवासी कामगारों को कोरेंटिन कर दिया गया है.
ग्राम विकास सचिव मनीष भावसार के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर ग्रामीणों ने सिर्फ विवाह ही नहीं टाले हैं, मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने के साथ-साथ श्राद्धकर्म के भोज में भी जाना छोड़ दिया है. ग्रामीण दुकानदार और जरूरी सेवा प्रदाताओं को भी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने की चेतावनी दी गयी है. लोगों को हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. सार्वजनिक स्थानों की बार-बार सफाई की जाती है. सामान्य बीमारियों के लिए घरों में ही चिकित्सा किट उपलब्ध करायी जा रही है.