IRCTC/Indian Railways News: आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों का आंदोलन (Gurjar Protest) तेज होता जा रहा है. सरकार ने गुर्जरों को बातचीत का न्योता दिया है लेकिन अभी तक कोई सहमती नहीं बन पाई है. जिसका खामियाजा रेलवे (Railway) और आम लोग उठा रहे है. दरअसलस अपनी मांग की पूर्ति के लिए गुर्जरों ने रेलवे ट्रैक पर डेरा डंडा डाल दिया है. इससे ट्रेनें उस रुट में नहीं चल पा रही हैं.
Rajasthan: Members of Gurjar community continue their protest on railway track in Bharatpur demanding reservation. pic.twitter.com/wqsnYwIFGh
— ANI (@ANI) November 5, 2020
गौरतलब है कि आंदोलन के पांचवें दिन भी गुर्जरों के धरना प्रदर्शन जारी है. लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे है और रेलों को वहां से गुजरने नहीं दे रहे हैं. इससे पहले गुर्जरों से बातचीत और आंदोलन खत्म करने को लेकर मंत्री रघु शर्मा ने कहा था कि बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं. आंदोलन छोड़कर आंदोलनकारी बातचीत करें. इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने भी आंदोलनकारियों से अपील की थी कि, सरकार से बात कर समस्या का समाधान निकालें.
आंदोलन के पांचवें दिन बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोग भरतरपुर रेलवे ट्रैक पर बैठे नजर आये. पांच दिनों के आंदेलन में गुर्जरों ने रेलवे को काफी नुक्सान पहुंचाया है. लोगों ने कई स्थानों पर रेल पटरियां दी है और रेलवे को नुकसान पहुंचाया है.
गुर्जर आंदोलन के देखते हुए रेलवे ने ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया है. डुमरिया फतेह सिंहपुरा सेक्शन के बीच रेल रुटों को चेंज किया है. लखनऊ बांद्रा टर्मिनल में भी बदलाव किया है. इसके अलावा हजरत निजामुद्दीन पुणे, गुवाहाटी ओखला पार्सल, पलवल अहमदाबाद पार्सल, नई दिल्ली मुंबई सेंट्रल, अमृतसर बांद्रा टर्मिनल, नयी दिल्ली इंदौर सभी के रुटों में बदलाव किया गया है.
Also Read: सिखों से छिनी करतारपुर गुरुद्वारे के रखरखाव की जिम्मेदारी, इस कारण पाकिस्तान ने चली ऐसी चाल
गुर्जर आंदोलन की मार सबसे ज्यादा रेलने झेल रहा है. एक तो रुट में बदलाव से रेलवे मुसाफिरों को परेशानी हो रही है, वहीं, रेलवे को भी कम नुक्सान नहीं उठाना पड़ रहा है. ऐसे में जितना जल्दी आंदोलन खत्म हो और बीच का कोई रास्ता निकले उतना ही अच्छा है.
Also Read: जूनियर ट्रंप ने दिखाया भारत का गलत नक्शा, जम्मू-कश्मीर को बताया पाक का हिस्सा
Posted by: Pritish Sahay