Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में सियासी उबाल शुरू हो चुका है. आधी रात को कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर ग्रेटर के मेयर सौम्या गुर्जर और तीन बीजेपी पार्षद को आयुक्त के साथ हाथापाई मामले में निलंबित कर दिया है. निलंबन के साथ सी राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है. बीजेपी ने अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए आपातकाल लगाने की बात कही है.
जानकारी के अनुसार देर रात सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर मेयर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षद को निलंबित किया जाता है. इन सभी के खिलाफ न्यायिक जांच कराया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के 39 (1) के तहत कार्रवाई की गई.
कोर्ट में देंगे चुनौती- वहीं इस मामले में सौम्या गुर्जर का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सरकार के तानाशाही फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे और चुनौती देंगे. सौम्या ने ट्वीट कर कहा कि सत्य को पराजि त नहीं किया जा सकता है. इधर, फैसले के बाद पार्षदों ने धरना प्रदर्शन करने की बात कही है.
बीजेपी ने बोला हमला – जयपुर नगर निगम के मेयर को सस्पेंड करने पर बीजेपी ने हमला बोला है. राजस्थान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा, ‘जयपुर ग्रेटर मेयर एवं पार्षदों का निलंबन अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रतिकूल है. कांग्रेस सरकार नगर निकायों में जहां भी भाजपा का बोर्ड है वहां येन-केन प्रकारेण सत्ता का दुरुपयोग कर अनुचित दबाव बनाकर लोकतंत्र का गला घोंटने का काम कर रही है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सत्ता के नशे में मद कांग्रेस पार्टी द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा आचरण करना जनादेश का अपमान करना है, जिसका स्वस्थ लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. लोकतंत्र की परिभाषा बदलने की कोशिश कर रही कांग्रेस सरकार की इस दमनात्मक कार्रवाई का भाजपा द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा.
राठौड़ ने अपने ट्वीट में लिखा कि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) में प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग कर आरोप पत्र जारी करने से पहले ही निलंबन का य ह पहला मामला है. कांग्रेस सरकार लोकतंत्र की धुरी ‘स्थानीय निकायों’ को समाप्त करने के लिए अबोध शस्त्र हाथ में ले रही है जो इन्हीं के लिए मारक सिद्ध होगा.
Posted By : Avinish Kumar Mishra