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राजस्थान में तेंदुए ने सरकारी स्कूल को बनाया अपना घर, डर के साये में जी रहे बच्चे

राजस्थान के कोटा में तेंदूए का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. जहां तेंदूए ने सरकारी स्कूल को अपना घर बना लिया. जिसकी वजह से वहां पढ़ने वाले बच्चों को सामुदायिक केंद्रों में पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है.

राजस्थान के कोटा में एक सरकारी स्कूल नांता महल में बीते एक हफ्ते पहले घुसा तेंदुआ अब भी पुराने भवन में ही रह रहा है. इससे आसपास के लोगों में डर का माहौल है. वहीं वहां पढ़ने वाले बच्चे सामुदायिक केंद्रों में पढ़ने के लिए मजबूर है. रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) की एक टीम तेंदुए को ट्रेंकुलाइज और रेस्क्यू करने के लिए कोटा पहुंची. हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया, क्योंकि विभाग को तेंदुआ कहीं दिखा ही नहीं. वन विभाग के एक कर्मचारी ने कहा, ”टीम रात में भी निगरानी करेगी और कर्मियों को इमारत के बाहर तैनात किया जाएगा.”

अलर्ट मोड पर है वन विभाग

वन विभाग की टीम ने पहले तेंदुए की हरकत को रिकॉर्ड करने के लिए ट्रैप कैमरे और पिंजरा लगाया था. टीम की ओर से जानवर को पकड़ने में नाकाम रहने के बाद उसे ट्रेंकुलाइज करने का फैसला लिया गया. एक स्टाफ सदस्य ने कहा, “पिंजरों का स्थान बदल दिया गया था, लेकिन तेंदुआ एक शर्मीला और बुद्धिमान जानवर है, जिसकी वह से वह ट्रैप में नहीं फंसा. अब एकमात्र विकल्प जानवर को सुरक्षित रूप से बचाना है.”

ट्रेंकुलाइज करने से बच रहा है वन विभाग

एक सूत्र ने कहा कि विभाग यह जानने के बाद कि तेंदुआ मादा है, उसे ट्रेंकुलाइज करने से बच रहा है. “एक संभावना है कि तेंदुआ गर्भवती भी हो सकती है. इसके अलावा, पुरानी विरासत इमारत बहुत बड़ी है और अगर वन विभाग चूक जाता है, तो तेंदुए को बाहर लाना काफी कठिन कार्य होगा.”

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सामुदायिक केंद्रों में पढ़ रहे है बच्चें

स्टाफ के सदस्यों ने आगे आरोप लगाया कि स्थानीय लोग बचाव अभियान चलाने के लिए जानवर और टीम को परेशान कर रहे हैं. “पड़ोस के घर तेज संगीत बजा रहे हैं, ताकि तेंदुआ उनके परिसर में प्रवेश न करे. सभी लोग किसी न किसी तरह से तेंदुए को परेशान कर रहे है. हर रोज अगर ऐसा होता रहेगा तो जानवर को पकड़ने में काफी मुश्किल होगी. इधर स्कूल प्रशासन सामुदायिक केंद्रों में बच्चों की कक्षाएं लगा रहे हैं.

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