टिड्डियों के हमले से राजस्थान के किसानों का हुआ लाखों का फसल नुकसान, अब मुआवजे में सरकार दे रही 72 पैसे और 2 रूपए…
राजस्थान में टिड्डियों के हमले से हुए फसल के नुकसान से किसानों का जख्म अभी भरा भी नहीं था कि अब सरकार ने सहायता के नाम पर उनके दर्द पर नमक छिड़क दिया है. पश्चिमी राजस्थान में 2019 के रबी सीजन के दौरान टिड्डियों के हमले से जिन किसानों के फसल को नुकसान पहुंचा था, सरकार के तरफ से उन्हें मुआवजा राशि दी गई है. लेकिन बाड़मेर जिले के किसान इससे अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. किसी को मुआवजे के नाम पर 2 रूपए तो किसी को 72 पैसे दिए गए हैं.
राजस्थान में टिड्डियों के हमले से हुए फसल के नुकसान से किसानों का जख्म अभी भरा भी नहीं था कि अब सरकार ने सहायता के नाम पर उनके दर्द पर नमक छिड़क दिया है. पश्चिमी राजस्थान में 2019 के रबी सीजन के दौरान टिड्डियों के हमले से जिन किसानों के फसल को नुकसान पहुंचा था, सरकार के तरफ से उन्हें मुआवजा राशि दी गई है. लेकिन बाड़मेर जिले के किसान इससे अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. किसी को मुआवजे के नाम पर 2 रूपए तो किसी को 72 पैसे दिए गए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के बाड़मेर में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जब मुआवजा मिला तो वो हतप्रभ रह गए. उन्हे ऐसा महसूस हुआ कि उनके खुन-पसीने की मेहनत को पहले तो टिड्डियों के हमले ने लील लिया और अब एक आखिरी उम्मीद जहां थी वहां से भी चिढ़ाया ही जा रहा है.
किसी किसान को फसल क्षतिपूर्ति के रूप में केवल 72 पैसे मिले तो किसी को 4.24 रुपये. यह एक उदाहरण नहीं बल्कि ऐसे अनेकों किसान हैं जिन्हें मुआवजे के नाम पर दस रूपए से भी कम की राशि दी गई है. ऐसे हजारों किसान हैं, जिन्हें इसी तरह की राशि प्राप्त हुई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बाड़मेर में कृषि विभाग के उप निदेशक ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने इसके पीछे कइ संभावित कारण भी बताए हैं. फसल क्षतिपूर्ति फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर तय होने का उन्होंने हवाला दिया.
पीएम फसल बीमा योजना के पैमाने के तहत, राज्य और केंद्र सरकार ने बीमा कंपनी को 65.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. और हाल ही में ‘एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी’ ने बाड़मेर में 44,688 किसानों को मुआवजा राशि के रूप में 50.33 करोड़ रुपये जारी किए हैं. हाल के एक रिपोर्ट से पता चलता है कि 2019 में पश्चिमी राजस्थान में टिड्डियों ने लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचाया है. जिसके अंतर्गत बाड़मेर, जैसलमेर और जालोर जिले आते हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan