Rajasthan Political crisis, Rajasthan Politics: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए अगले हफ्ते विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं. सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि 22 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की थी. हालांकि, राजभवन की ओर से इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया है, लेकिन राज्य में जिस तरह के हालात हैं उससे अटकलें लग रहीं हैं कि उन्होंने राज्यपाल को यह संकेत दिए है कि वह अगले हफ्ते विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं.
सूत्रों ने यह जानकारी एनडीटीवी को दी. सूत्रों ने बताया कि राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा बागी विधायकों की याचिका पर फैसला आने के बाद कांग्रेस इस मामले पर विचार करेगी. स्पीकर ने पायलट खेमे के विधायकों को अयोग्य ठहराने के संबंध में नोटिस जारी किया था. इस नोटिस को बागी विधायकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है. इधर, राजस्थान में कथित टेप कांड को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है.
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कांग्रेस ने भाजपा पर सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा ने पल्ला झाड़ते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. जिसके बाद टेप कांड की जांच के लिए राजस्थान सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी के मुखिया सीआईडी के एसपी विकास शर्मा होंगे. एसआईटी में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी), स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और एटीएस के एसपी स्तर के अधिकारी होंगे. यानी एसआईटी एसओजी, एसीबी और एटीएस के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई है.
राजस्थान की सियासी घमासान के बीच अब जहां गहलोत सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने की तैयारी कर रही है.वहीं इसी बीच बीजेपी उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बड़ा बयान जारी किया है. राठौड़ ने अपने बयान में कहा है कि प्रदेश की गहलोत सरकार आनन-फानन में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कोशिश कर रही है , ऐसा करने से संविधान की धज्जियां उड़ती है.
Posted By: Utpal kant