Rajasthan Election Result : राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने है. राज और रिवाज की इस लड़ाई में फिर से राज बदला है. अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार को बीजेपी ने करारी मात दी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में जहां 115 सीटें आयी वहीं, कांग्रेस को 69 सीटों पर जीत मिली. हालांकि, एग्जिट पोल में यह दिखाया जा रहा था कि राज्य में कांटे की टक्कर होने वाली है. लेकिन, यहां बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिली है. आखिर क्या है इसके पीछे का कारण कि जनता ने कांग्रेस को इस बार चुनाव में पूरी तरह नकार दिया है.
पहला कारण : राजस्थान की जनता हर पांच साल पर नई सरकार को मौका देती है. इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक दावा कर रही थी कि इस बार प्रदेश में रिवाज बदलेगा. वह रिवाज यही है कि हर पांच साल के बाद राजस्थान की कमान अलग सरकार को मिलती है. यह बीते कई सालों से चला आ रहा है.
दूसरा कारण : साल 2018 में कांग्रेस की जब सरकार सत्ता में आई तो एक फैसले को लेकर कई तरह के विवाद हुए. आखिरकार मुख्यमंत्री कौन? अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सीएम कुर्सी को लेकर पूरे कार्यकाल के दौरान विवाद छिड़ा रहा. इसी वजह से कई बार लगा कि सरकार गिर जाएगी. हालांकि, अंत में इसे संभाल लिया गया. लेकिन, ऐसा संभव है कि राज्य में जनता का विश्वास इस वजह से भी डगमगाया हो.
तीसरा कारण : राजस्थान कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों की सूची अंत समय में जारी की थी, जबकि बीजेपी ने पहले ही लिस्ट जारी कर बाजी जीत ली थी. साथ ही ऐसा भी देखने को मिला कि कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायकों ने इसका खुलकर विरोध किया था और ऐसी कई घटनाएं सामने आई थी. संभव है कि उनके नेताओं की नाराजगी एक बड़ा कारण हो.
चौथा कारण : राजस्थान की राजनीति में तूफान तब आया जब राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी की बात कही. हालांकि, अभी तक उस लाल डायरी में क्या है लेकिन उसका असर इस बार के विधानसभा चुनाव में साफ तौर पर देखने को मिला है. इस तरह के कई कयास लगाए जा रहे है कि इस लाल डायरी की वजह से लोगों की नजरों में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि पर थोड़ा असर पड़ा है.
पांचवा कारण : राज्य में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं की खबर बीते कई दिनों से आती रही है और विधानसभा व लोकसभा में विपक्षी दल के नेताओं के द्वारा इस मुद्दों पर हमला किया गया है. ऐसी संभावना है कि इन बातों ने जनता के दिल में घर कर लिया और इस बार एक नई सरकार को मौका दिया हो.
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भाजपा 115
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कांग्रेस 69
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निर्दलीय 08
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भाआपा 02
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बसपा 02
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रालोद 01
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राष्ट्रीय लोकतंत्रिक पार्टी 01