Election Result: राजस्थान विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान के पांच जिलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों की संख्या एक से बढ़कर 13 हो गई है. उल्लेखनीय है कि विधानसभा की 199 सीटों के लिए हुए मतदान के परिणाम रविवार को जारी किए गए. भाजपा ने 199 में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की है. राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं लेकिन एक सीट (करणपुर) पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव नहीं हुआ.
रविवार को घोषित नतीजों में पांच जिलों भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर और दौसा में भाजपा को 13 व कांग्रेस को आठ सीट मिली है. इसी तरह राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी एक-एक सीट जीती है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहा.
15वीं विधानसभा (2018-2023) में कांग्रेस के पास 20 सीट, भाजपा और आरएलडी के पास एक-एक सीट थी जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे. पूर्वी राजस्थान में 13 जिलों के लिये पीने का पानी और सिंचाई की महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया था. ईआरसीपी की परिकल्पना पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने की थी. अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की थी.
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गहलोत और अन्य कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री पर राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का अपना वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विधानसभा चुनाव से पहले बारां से ईआरसीपी पर पार्टी का अभियान शुरू किया था, जबकि प्रियंका गांधी वाद्रा ने दौसा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था.
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इसी तरह भाजपा को मेवाड़, वागड़, मारवाड़ और अन्य क्षेत्रों में भी सफलता मिली है. मेवाड़ और वागड़ क्षेत्र के तहत आने वाले उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ जिलों की 28 सीट में से भाजपा को 17 सीट तथा कांग्रेस को सात सीट मिली है. इसी तरह, राज्य में पहली बार चुनाव लड़ने वाली भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने तीन सीट जीती हैं जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता.