Rajasthan elections: हर 5 साल में सत्ता हथिया लेती है ये पार्टी, कांग्रेसियों की बढ़ी बेचैनी

राजस्थान चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस जीत का दावा कर रहे हैं. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुभाने की कवायद में भी लगे है. बीजेपी और कांग्रेस नई रणनीति के साथ मैदान में उतरे हैं. बीजेपी बिना किसी सीएम फेस के चुनाव लड़ रही है तो वहीं, कांग्रेस सीएम अशोक गहलोत को आगे कर वोट मांग रही है.

By amit demo demo | October 10, 2023 12:58 PM

Rajasthan elections: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 23 नवंबर को होगा. चुनाव रोचक होने वाला है क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस नई रणनीति के साथ मैदान में उतरे हैं. एक ओर बीजेपी बिना किसी सीएम फेस के चुनाव लड़ेगी तो दूसरी ओर कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आगे कर वोट मांग रही है. 2003 के बाद से वसुंधरा राजे बीजेपी की ओर से सीएम पद की उम्मीदवार रही हैं. लेकिन अब केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत व अर्जुन राम मेघवाल के अलावा एमपी दिया कुमारी व एमपी किरोणी लाल मीना की डिमांड बढ़ गई है. राज्य के दूसरे बड़े नेता सीपी जोशी और राजेंद्र राठौर भी कदावर माने जा रहे हैं.

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पायलट ने टोंक तक ही खुद को सीमित किया

दूसरी तरफ कांग्रेस में 2018 के चुनाव में गहलोत और सचिन पायलट का कद बराबर का रहा है. लेकिन बीते एक माह से पूरे राजस्थान में गहलोत ही कांग्रेस के बैनरों और पोस्टर पर नजर आ रहे हैं. पायलट ने अपनी विधानसभा सीट टोंक तक ही खुद को सीमित कर रखा है. यही नहीं राष्ट्रीय स्तर के नेताओं-सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह दोस्तारा तक भी पार्टी की प्रचार सामग्री में नजर नहीं आ रहे हैं.

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वोट गहलोत के नाम पर ही मांगेंगे

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राजस्थान में कांग्रेस की चुनावी रणनीति गहलोत और उनकी सरकारी की सामाजिक सरोकार वाली योजनाओं को हाईलाइट करने के आसपास नजर आ रही है. एक दिन पहले तक राजस्थानियों की सुबह अखबारों में गहलोत की बड़ी सी तस्वीर देखने के साथ हो रही थी. इन विज्ञापनों में राजस्थान सरकार की सभी सामाजिक सरोकार वाली योजनाओं का ब्योरा दिया जा रहा. रैलियों में राहुल और खरगे गहलोत सरकार की तारीफ करते हुए वोट मांग रहे हैं. पार्टी ने तय कर लिया है कि चुनाव में हार हो या जीत, वोट गहलोत के नाम पर ही मांगे जाएंगे.

हर 5 साल बाद आती है बीजेपी

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस न सिर्फ विपक्षी दलों के खिलाफ लड़ रही है बल्कि उसे डर है कि वोटर उसकी सरकार को नकार सकते हैं. क्योंकि तीन दशक से बीजेपी हर पांचवें साल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करती आ रही है.

दो एमएलए का टिकट कटा, सांसद लड़ेंगे चुनाव

दूसरी तरफ बीजेपी में राज्यस्तर की सियासत में नए चेहरों को लाया जा रहा है. राजसमंद से एमपी दिया कुमारी की सक्रियता स्टेट पॉलिटिक्स में बढ़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में जयपुर के राजघराने से ताल्लुक रखने वाली दिया कुमारी को काफी तवज्जो मिल रही है. उन्हें जयपुर की विद्यानगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी इस समय यहां से विधायक हैं, लेकिन बीजेपी की पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं है. वसुंधरा राजे के करीबी राजपाल सिंह शेखावत की जगह सांसद राज्यवर्धन राठौर को उतारा गया है. वह जोठवाड़ा सीट से लड़ेंगे. यहां भी पार्टी की उपस्थिति मजबूत है.

केंद्रीय मंत्री की भी वकत बढ़ी

इसी तरह केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को राज्य की राजनीति में काफी तवज्जो मिल रही है. उनके खिलाफ बोलने पर राजे के वफादार और पूर्व स्पीकर व एमएलए कैलाश मेघवाल को सस्पेंड कर दिया गया था. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अर्जुन राम और गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनाव लड़ाया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे पार्टी को वोट दें न की किसी व्यक्ति के नाम पर.

राजस्थान के आंकड़ों में रोचक तथ्य

2018-19

प्रति व्यक्ति आय : 1,06,604

देश की प्रति व्यक्ति आय : 1,25,946

2021-22

प्रति व्यक्ति आय : 1,35,962

देश की प्रति व्यक्ति आय : 1,48,524

कितने घरों में बिजली

2015-16

91.2%

2019-21

98.1%

कितने घरों को मिल रहा पानी

2015-16 : 93.7%

2019-21 : 96.5%

कितने घरों में शौच की व्यवस्था

2015-16 : 46.1%

2019-21 : 71.1%

कितने घर हेल्थ इंश्योरेंस या फाइनेंस स्कीम में कवर्ड हैं

2015-16 : 18.7%

2019-21 : 87.8%

(हर घर से एक सदस्य कवर है)

स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल करने वाले घर

2015-16 : 31.8%

2019-21 : 41.4%

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10वीं या उससे आगे पढ़ीं महिलाएं

2015-16 : 25.1%

2019-21 : 33.4%

10वीं या उससे आगे पढ़े पुरुष

2015-16 : 43.8%

2019-21 : 51.9%

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