Rajasthan News: राजस्थान में वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं और संगठन के बीच आर-पार की जंग छिड़ गई है. पार्टी संगठन के खिलाफ बयान देने के कारण वसुंधरा राजे के करीबी नेता और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा को नोटिस भेजा गया है. रोहिताश को 15 दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है.
बता दें कि रोहिताश शर्मा ने पिछले दिनों अपने एक बयान में कहा था कि राजस्थान में एक भी ऐसा नेता नहीं है, जिसकी पकड़ हर जगह हो. उन्होंने आगे कहा था कि कुछ मंत्री राजस्थान में ज़रुर सक्रिय हैं, लेकिन अपने क्षेत्र से वे बाहर नहीं निकलते हैं. रोहिताश के बयान पर प्रदेश संगठन ने अब सफाई मांगी है. संगठन की ओर से कहा गया है कि उनके इस बयान की वजह से पार्टी का नुकसान हुआ है.
वहीं नोटिस के सवाल पर राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा ‘देखते रहिए आजतक, फैसला होगा कल तक.’ बताया जा रहा है कि आने वाले समय में प्रह्लाद गुंजल और भवानी सिंह राजावत को भी नोटिस भेजा जा सकता है. इन दोनों नेताओं ने भी वसुंधरा के समर्थन में बयान दिया था.
प्रभारी महासचिव ने दिए थे संकेत- इससे पहले प्रभारी महासचिव अरुण सिंह ने कार्रवाई की ओर इशारा किया था. अरुण सिंह ने कहा कि पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देना गलत बात है. इस तरह की हरकत अनुशासनहीनता की श्रेणी में है और कार्रवाई हो सकती है.
राजस्थान बीजेपी में जारी है नेतृत्व का विवाद- बता दें कि राजस्थान बीजेपी के भीतर नेतृत्व को लेकर विवाद जारी है. वसुंधरा गुट के नेताओं का कहना है कि उनके बिना राजस्थान में भाजपा सत्ता में नहीं आ सकती है. वहीं बीजेपी के कई नेताओं ने कहा कि पार्टी में शीर्ष स्तर के लोग सीएम पर फैसला करते हैं.
Posted By : Avinish Kumar Mishra