Old Pension Scheme: राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा का कवच है पुरानी पेंशन योजना

Old Pension Scheme: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि NPS वर्तमान स्वरूप में समस्याग्रस्त है. पूरे देश के कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली की पुनर्बहाली की मांग कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2022 8:17 PM
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Old Pension Scheme: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा का कवच करार दिया है. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि राज्य में इसे फिर से लागू करने के उनके निर्णय से भविष्य में अधिक संख्या में प्रतिभाशाली युवा राजकीय सेवा की तरफ आकर्षित होंगे.

पुरानी पेंशन की लंबे समय से चल रही मांग

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कहा कि नयी पेंशन प्रणाली (New Pension Scheme) अपने वर्तमान स्वरूप में समस्याग्रस्त है. पूरे देश के कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली की पुनर्बहाली (Restore Old Pension Scheme) की मांग कर रहे हैं.

पुरानी पेंशन प्रणाली को राजस्थान में किया बहाल

उन्होंने कहा, ‘राजस्थान सरकार के कर्मचारियों के हितों की रक्षा तथा सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने एक जनवरी, 2004 के पश्चात राजकीय सेवा में आये सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली को पुनः बहाल करने का निर्णय किया.’

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राजस्थान में अगले वित्त वर्ष से लागू होगी पुरानी पेंशन योजना

श्री गहलोत ने कहा कि मैंने राज्य विधानसभा में 23 फरवरी, 2022 को अपने बजट भाषण में पुरानी पेंशन प्रणाली को अगले वित्तीय वर्ष से लागू करने की घोषणा की है. श्री गहलोत के अनुसार, इस निर्णय का न केवल राजस्थान सरकार के, बल्कि सभी राज्यों के कर्मचारियों ने स्वागत किया है.

सरकारी एवं निजी क्षेत्र की नौकरी का अंतर

राजस्थान के सीएम ने कहा, ‘सरकारी एवं निजी क्षेत्र के बीच मुख्य अंतर पेंशन ही थी. सरकारी नौकरियों में एक तय सीमा से अधिक वेतनमान नहीं हो सकता, परंतु पेंशन से भविष्य की सुरक्षा के कारण प्रतिभाशाली युवा सरकारी नौकरी को प्राथमिकता देते थे.’

प्रतिभाशाली युवा सरकारी नौकरी से हो रहे थे दूर

अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसा देखने में आया कि नयी पेंशन प्रणाली (NPS) लागू होने के बाद प्रतिभाशाली युवाओं का सरकारी नौकरी की तरफ रुझान कम हो गया था. पुरानी पेंशन प्रणाली को पुनः लागू करने के निर्णय से भविष्य में अधिक संख्या में प्रतिभाशाली युवा राजकीय सेवा की तरफ आकर्षित होंगे.

पेंशन पर जीवन बिताते हैं रिटायर्ड कर्मचारी

मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस पार्टी तथा राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने लोगों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान कराने के अपने कर्तव्य को भली भांति जानते हैं. उन्होंने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी 30-35 वर्षों तक सेवा करता है और सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन के आधार पर अपना जीवन व्यतीत करता है.

गहलोत ने बताया सरकार का कर्तव्य

राजस्थान के सीएम ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचित सरकार का यह कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि उसके कर्मचारी सुरक्षा की भावना के साथ जीवन निर्वाह करें, ताकि वे भी सुशासन में अपना मूल्यवान योगदान दे सकें. गहलोत के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक आधार को मजबूती प्रदान करने की दृष्टि से सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) नियम 1972 लागू किया गया, जिसमें पेंशन/पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्यूटी एवं रूपांतरित राशि का प्रावधान किया गया.

2003 में अटल बिहारी वाजपेयी लाये थे NPS

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इस पुरानी पेंशन प्रणाली को दिसंबर, 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने समाप्त कर दिया और उसके स्थान पर 1 अप्रैल, 2004 से नयी पेंशन प्रणाली लागू की. उन्होंने कहा कि नयी पेंशन प्रणाली अपने वर्तमान स्वरूप में समस्याग्रस्त है तथा पूरे देश के कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली की पुनर्बहाली की मांग कर रहे हैं, क्योंकि नयी पेंशन प्रणाली कर्मचारियों की वर्तमान और सेवानिवृत्ति पश्चात की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रही है.

पुरानी पेंशन व्यवस्था में देश ने की शानदार तरक्की

अशोक गहलोत ने कहा कि पुरानी पेंशन प्रणाली के बारे में यह कहा जाता है कि इससे सरकारों पर वित्तीय भार बढ़ेगा तथा विकास और जनकल्याण के कार्य प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा कि यह तथ्य समझना जरूरी है कि जब पुरानी पेंशन प्रणाली लागू थी, तो उस समय भी देश ने प्रत्येक क्षेत्र में शानदार तरक्की की थी. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन प्रणाली के कारण विकास और जनकल्याण के कार्यों में कभी भी कटौती नहीं की गयी. (एजेंसी इनपुट के साथ)

Posted By: Mithilesh Jha

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