जयपुर : राजस्थान विधानसभा में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातर 8 मिनट तक पुराना भाषण पढ़ते रहे. तब जाकर मंत्री महेश जोशी ने सीएम अशोक गहलोत को कहा कि आप गलत भाषण पढ़ रहे हैं. राजस्थान के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री का बजट भाषण 30 मिनट के लिए रोका गया. इसके बाद विपक्ष ने आरोप लगाया की सीएम गहलोत ने पुराना भाषण पढ़ा है. हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे मानवीय भूल बताते हुए माफी भी मांग ली.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम अशोक गहलोत अपने बजट भाषण के दौरान कुछ पुरानी घोषणाएं पढ़ दीं. इसके बाद हंगामा शुरू हो गया. करीब 8 मिनट तक मुख्यमंत्री पुराना बजट पढ़ते रहे, जिसके बाद मंत्री महेश जोशी ने मुख्यमंत्री के पास जाकर यह गलती बताई. इसके बाद सीएम ने माफी भी मांगी कि गलती हो जाती है, ये एक मानवीय भूल है.
बता दें कि अपने भाषण के दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि अब मैं, शहरों में भी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा करता हूं और इस योजना के माध्यम से आने वाले साल से शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले परिवारों को भी उनके द्वारा मांगे जाने पर प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. इस पर लगभग 800 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च होंगे. इसके बाद ही बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीएम पुराना बजट भाषण पढ़ रहे हैं.
सीएम अशोक गहलोत के गलत भाषण पढ़ने के बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा खड़ा कर दिया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने बजट लीक किया है. हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. इसे अधिकारियों की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है. हालांकि, सीएम गहलोत ने विधानसभा में इस गलती के लिए माफी मांग ली है.
वहीं, राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुछ मिनट तक गलत बजट पढ़ने के बाद तीसरे व्यक्ति ने आकर मुख्यमंत्री गहलोत को बताया कि गलत पढ़ रहे हैं. बजट लीक हुआ है. बजट गोपनीय होता है और इसकी कॉपी सीएम के अलावा किसी दूसरे के पास कैसे पहुंच गई. सीएम को तीसरे आदमी ने कैसे आकर बताया, यह बजट किसी तीसरे व्यक्ति को कैसे मालूम पड़ा. सदन का मान रखना चाहते हैं, तो इस बजट को दूसरे दिन अलग से पेश किया जाए. आज की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है.