Rajasthan Election : राजस्थान में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है. राज्य में एक चरण में 23 नवंबर को मतदान होने है. साथ ही मतगणना 3 दिसंबर को होंगे. लेकिन इन सबके बीच राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. ऐसे में अगर चर्चा करें कि राजस्थान का चुनावी समीकरण क्या कहता है और 2018 के नतीजे के अनुसार कौन-सी पार्टी अभी मजबूत नजर आ रही तो यह कह पाना पूरी तरह मुश्किल होगा कि इस बार राजस्थान की गद्दी किसके पास होगी. लेकिन आइए डालते है सबसे पहले 2018 के चुनावी नतीजों के आंकड़े पर नजर…
-
कुल सीट : 200
-
कांग्रेस : 100
-
बीजेपी : 73
-
बीएसपी : 06
-
अन्य : 21
Also Read: Election commission PC Live: विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान आज, चुनाव आयोग की पीसी 12 बजे
राजस्थान में चुनावी इतिहास की अगर बात करें तो इस बार राजस्थान में बीजेपी के आने की उम्मीद है, क्योंकि बीते कई सालों से वहां हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता नजर आया है. लेकिन, अशोक गहलोत के नेतृत्व में शासित राजस्थान सरकार ने इस बार इस इतिहास को तोड़ने का पूरा मन बना रखा है. हालांकि, बीच में पार्टी के दिग्गज नेता सचिन पायलट की अशोक गहलोत से अनबन की खबरें भी आती रही लेकिन, फिलहाल दोनों से बीच सबकुछ ठीक होता नजर आ रहा है.
Also Read: राजस्थान में जातिगत सर्वे कराएगी सरकार, आदेश जारी, जानिए कैसे होगा सर्वेक्षण?
वहीं, बात अगर बीजेपी की करें तो पार्टी को अभी राज्य में वसुंधरा राजे के अलावा कोई भी मजबूत सीएम दावेदार मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है. जबकि, बीते पांच साल में जिस तरह से वसुंधरा राजे और पार्टी दोनों का रुख एक दूसरे से कई जगहों पर मुखर नजर आया है वैसे में देखना यह भी दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी इस बार भी वसुंधरा राजे के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी या फिर पार्टी के नाम पर…
बीते कई दिनों में राजस्थान की राजनीति में कई बड़े बदलाव दिखे है. सीएम पद को लेकर नाराजगी, लाल डायरी का राज, मंत्री को बर्खास्त, पूर्व सीएम को कई महत्वपूर्ण सूची से बाहर रखना. दोनों पार्टियां इन तमाम मुद्दों में शामिल है. लेकिन, इन सबका असर इस बार के विस चुनाव पर कितना पड़ता है यह देखने वाली बात होगी. लेकिन इस सबके बीच सबसे बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है राजस्थान के लोगों का मिजाज जो हर पांच साल पर दूसरी सरकार को मौका देती है. ऐसे में इस तारीखों के एलान के बाद जहां एक ओर राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी वहीं, सभी पार्टियां भी एड़ी-चोटी का जोर लगाएगी.