Rajasthan News: राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल (JK Lone Hospital) में महज 24 घंटे के अंदर नौ मासूम किलकारियों के खामोश होने की घटना में राज्य सरकार की कमेटी ने अपनी जांच मंगलवार को सरकार को सौंप दी. इधर, घटना के 5 दिन बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर एससी दुलारा को हटाया है.उनकी जगह फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉक्टर अशोक मूंदड़ा को अधीक्षक बनाया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कमेटी ने शिशुओं के इलाज में सीधे तौर पर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं मानी है.
केवल दो बच्चों की मौत के मामले में यहा कहा कि यदि मेडिकल स्टाफ सतर्कता से ड्यूटी करता तो शायद इन्हें बचाय़ा जा सकता है. कमेटी के सदस्यों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है कि अस्पताल में भर्ती बच्चों की हालत बेहद खराब थी. उन्हें बचाना बेहद मुश्किल था. इनमें से कुछ का वजन एक किलो सभी कम था.
अब कमेटी की रिपोर्ट में और क्या क्या लिखा है..क्या शिकायतें और सुझाव है यह तो रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ही पता चलेगा. रिपोर्ट के लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. इधर राज्य के स्वास्थय मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने भी जेक लोन अस्पताल को क्लीन चीट दी है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक भी मौत प्रशासनिक या डॉक्टरी लापरवाही से नहीं हुई है.
उनके इस बयान के बाद राजस्थान की सियासत गरम हो गई है. भाजपा ने इस मामले को लेकर जबरदस्त हमला बोला है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. सतिश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है. इधर, जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है.
Posted By: Utpal kant