हथियाबंद बदमाशों से भिड़ने वाली युवती को सब-इंस्पेक्टर बनायेगी गहलोत सरकार, जानें कैसे किया था अपराधियों का सामना
राजस्थान बहादुरों की धरती रही है. यह एक बार फिर साबित हुआ है. एक महिला और राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल ने मिलकर बहादुरी की एक मिशाल पेश की है. हथियारबंद बदमाश जब बीच सड़क पर बस को रोक कर पुलिसकर्मियों के हथियार छिनने लगे तो बस में सवार यह युवती एक कांस्टेबल के साथ उन बदमाशों पर टूट पड़ी. इस बहादुरी के बदले राजस्थान की गहलोत सरकार ने दोनों को तोहफा दिया है. युवती को राजस्थान पुलिस में उपनिरीक्षक पद पर भर्ती मिलेगी.
राजस्थान बहादुरों की धरती रही है. यह एक बार फिर साबित हुआ है. एक महिला और राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल ने मिलकर बहादुरी की एक मिशाल पेश की है. हथियारबंद बदमाश जब बीच सड़क पर बस को रोक कर पुलिसकर्मियों के हथियार छिनने लगे तो बस में सवार यह युवती एक कांस्टेबल के साथ उन बदमाशों पर टूट पड़ी. इस बहादुरी के बदले राजस्थान की गहलोत सरकार ने दोनों को तोहफा दिया है. युवती को राजस्थान पुलिस में उपनिरीक्षक पद पर भर्ती मिलेगी.
युवती धौलपुर की वसुंधरा चौहान हैं जिन्हें राजस्थान पुलिस में उपनिरीक्षक बनाने का फैसला गहलोत सरकार ने लिया है. युवती अपनी जान की बाजी लगाकर बस में अपराधियों से भिड़ गयी थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीएम अशोक गहलोत ने इस फैसले पर मुहर लगाया है. वसुंधरा के साहस की प्रशंसा करते हुए उसकी नियुक्ति को मंजूरी दी गई है.
बता दें कि तीन मार्च को चार पुलिसकर्मियों का एक दल उम्रकैद की सजा भुगत रहे अपराधी धर्मेन्द्र उर्फ लुक्का को धौलपुर में पेशी के बाद रोडवेज बस से भरतपुर की सेवर जेल ले जा रहा था. इस दौरान रास्ते में पांच हथियारबंद बदमाश बस रूकवाकर उसमें सवार हो गए और पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च पाउडर फेंक कर उनसे हथियार छीनने लगे थे. बदमाशों ने बस में फायरिंग भी की जिससे यात्री डर गए थे.
अपराधियों के द्वारा गोली चलाये जाने के बाद भी बस में सवार वसुंधरा और आरएसी जवान कमर सिंह जान की परवाह किए बगैर अपराधियों से भिड़ गए. और अंत में बस यात्रियों तथा पुलिसकर्मियों की मदद से हालात काबू में आया.राज्य सरकार ने आरएसी कांस्टेबल कमर सिंह को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोशन दिया है वहीं वसुन्धरा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया है.
वसुन्धरा ने एनसीसी निदेशालय से ‘सी‘ सर्टिफिकेट भी हासिल किया हुआ है और वो एमए पास हैं. पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों में उप निरीक्षक की सीधी भर्ती के लिए साक्षात्कार में इस डिग्री और सर्टिफिकेट धारक अभ्यर्थी को प्राथमिकता देने का प्रावधान भी पहले से है.
Posted By: Thakur Shaktilochan