Rajasthan: 10 दिन बाद निकाली गई चेतना, हार गई जिंदगी की जंग, बोरवेल ने ली 3 साल की मासूम की जान

Rajasthan: चेतना को बुधवार को जब बोरवेल से बाहर निकाला गया तो वो वह अचेत अवस्था में थी. पूरी तरह वो शांत थी. उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी. आनन-फानन में चेतना को कोटपूतली के बीडीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों की टीम ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.

By Pritish Sahay | January 1, 2025 10:18 PM

Rajasthan: राजस्थान के कोटपूतली में एक बोरवेल में गिरी नन्ही चेतना जिंदगी की जंग हार गई. 10 दिन बाद उसे बोरवेल से निकाला गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया. चेतना सरुण्ड थाना क्षेत्र में बोरवेल में 150 फुट गहराई में फंसी हुई थी. तीन साल की मासूम चेतना को दस दिन बाद बुधवार को बोरवेल से बाहर निकालने में सफलता मिली. 23 दिसंबर को खेत में खेलते समय चेतना बोरवेल में गिर गई थी. इसके बाद से ही उसका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था. स्थानीय पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार उसे बाहर निकालने की कवायद में जुटी थी.

अचेत अवस्था में बोरवेल से बाहर निकली चेतना

चेतना को बुधवार को जब बोरवेल से बाहर निकाला गया तो वो वह अचेत अवस्था में थी. पूरी तरह वो शांत थी. उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी. आनन-फानन में चेतना को कोटपूतली के बीडीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों की टीम ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. इस घटना के पूरे गांव में मातम पसर गया है.

काफी मुश्किल से किया गया था रेस्क्यू

रेस्क्यू टीम ने बताया कि चेतना काफी गहराई में थी, इस कारण रेस्क्यू में काफी परेशानी हुआ. पहले रिंग की मदद से बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन सभी प्रयास विफल हो गये. दो दिनों तक लगातार उसे बाहर निकालने की कोशिश होती रही. हर बार रेस्क्यू टीम का प्रयास विफल हो जा रहा था. इसके बाद एक पाइलिंग मशीन मंगाया गया जिससे बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोद कर चेतना को  बाहर निकाला गया.

आर्यन की भी हो गई थी बोरवेल में मौत

बचाव दल ने बताया कि अभियान में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. चट्टानी सतह के कारण रेस्क्यू में काफी मुश्किलें आईं.वहीं चेतना के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बता दें, चेतना से पहले राजस्थान के दौसा में एक पांच साल का बच्चा आर्यन भी बोरवेल में गिर गया था. तमाम कोशिशों के बावजूद उसे जीवित बाहर नहीं निकाला जा सका था. 

Also Read: Manmohan Singh Memorial: जल्द बनेगा पूर्वी पीएम मनमोहन सिंह का स्मारक! केंद्र सरकार ने परिवार को दिए विकल्प

Next Article

Exit mobile version