Rajasthan Political Crisis: ‘मैं कभी हाईकमान को चुनौती नहीं दूंगा’, सोनिया गांधी से बोले अशोक गहलोत

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत के दौरान अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि हाईकमान को कभी भी चुनौती नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि हाईकमान का जो भी फैसला होगा, वो उन्हें मंजूर होगा.

By ArbindKumar Mishra | September 27, 2022 8:12 PM
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राजस्थान कांग्रेस में भूचाल के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है. फोन पर हुई बातचीत में गहलोत ने साफ कर दिया कि वो हाईकमान के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं, उसको कभी भी चुनौती नहीं देंगे.

हाईकमान का फैसला मंजूर : अशोक गहलोत

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत के दौरान अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि हाईकमान को कभी भी चुनौती नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि हाईकमान का जो भी फैसला होगा, वो उन्हें मंजूर होगा.

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अशोक गहलोत को हाईकमान से क्लीन चिट

खबर है राजस्थान कांग्रेस में बवाल मामले में सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत को क्लीन चिट दे दी है. साथ ही गहलोत गुट के बागी विधायकों पर कार्रवाई करने का आदेश दे दिया है. टीवी रिपोर्ट के अनुसार पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी को 9 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें बागी विधायकों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी.

राजस्थान कांग्रेस में बवाल के पीछे क्या है कारण

राजस्थान कांग्रेस में बवाल तब शुरू हुआ, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया. ऐसे में सवाल उठने लगा कि राजस्थान मुख्यमंत्री की कुर्सी का क्या होगा. सबकी नजरें सचिन पायलट पर जम गयीं. लेकिन गहलोत गुट के विधायकों ने पायलट का जमकर विरोध किया और अपना इस्तीफा तक दे दिया. विधायक दल की बैठक को भी रद्द करना पड़ा. गहलोत ने भी खुलकर कभी सचिन पायलट का मुख्यमंत्री पद के कभी समर्थन नहीं किया. लेकिन राहुल गांधी के एक व्यक्ति एक पद के संदेश के बाद गहलोत के तेवर नरम पड़े. इधर राजस्थान में बवाल को शांत कराने के लिए दिल्ली से पर्यवेक्षकों की टीम भेजी गयी, लेकिन विधायकों ने उनकी बात मनाने से इनकार कर दिया.

राजस्थान कांग्रेस के बागी विधायकों ने रखी तीन शर्तें

राजस्थान कांग्रेस के बागी विधायकों ने तीन शर्तें रखी. जिसमें राजस्थान के नये मुख्यमंत्री का ऐलान 19 अब्टूबर के बाद हो. दूसरा सभी विधायकों से अलग-अलग बात न कर एक साथ बात की जाए. तीसरा और आखिरी शर्त राजस्थान का नया मुख्यमंत्री गहलोत गुट का होना चाहिए.

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