राजस्थान में एक बार फिर से सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है. राज्य कांग्रेस में घमासान जारी है. एक बार फिर से अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट एक-दूसरे के आमने-सामने हो गये हैं. रविवार शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक भी रद्द हो गयी है. इधर खबर है कि कांग्रेस के 92 विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दे दी है और सभी नाराज विधायक विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के आवास पहुंचे हैं. इधर कांग्रेस पार्टी में जारी घमासान से अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज हैं और उन्होंने पर्यवेक्षकों से हर हाल में मामला आज ही सुलझाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, सभी नाराज विधायकों से बात करें. अजय माकन ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, हम दिल्ली नहीं जा रहे, सोनिया गांधी ने सभी विधायकों से आमने-सामने बात करने का निर्देश दिया है.
कांग्रेस विधायकों ने क्यों दिया इस्तीफा
दरअसल इस्तीफा देने वाले सभी 92 कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि सचिन पायलट को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री बनाये जाने के बारे अशोक गहलोत ने अकेले कैसे फैसला ले लिया, जबकि इस बारे में उनसे बात तक नहीं किया गया. कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं. हम इसके लिए अध्यक्ष के पास जा रहे हैं. विधायक इस बात से खफा हैं कि CM अशोक गहलोत उनसे सलाह लिए बिना फैसला कैसे ले सकते हैं.
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Rajasthan | 10-15 MLAs are being heard while other MLAs are being neglected. Party doesn't listen to us, decisions are being taken without it: Congress MLA Pratap Singh Khachariyawas in Jaipur pic.twitter.com/kmWSiZnndm
— ANI (@ANI) September 25, 2022
100 से अधिक विधायक एक तरफ और 10-15 विधायक एक तरफ
कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, 100 से अधिक विधायक एक तरफ हैं और 10-15 विधायक एक तरफ हैं. 10-15 विधायकों की बात सुनी जाएगी और बाकी की नहीं. पार्टी हमारी नहीं सुनती, अपने आप फैसले हो जाते हैं. हालांकि उन्होंने कहा, सरकार नहीं गिरी है. हमारे परिवार के मुखिया(अशोक गहलोत) हमारी बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी. लोकतंत्र संख्या बल से चलता है. राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे, नेता वही होगा.
अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद CM बदलने की बात होगी
मंत्री प्रताप सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद CM बदलने की बात होगी. 102 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत इसका फैसला करेंगे.
विधायक दल की बैठक से पहले शांति धारीवाल के आवास पर गहलोत गुट के विधायकों की बैठक
विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस विधायकों की एक अलग बैठक विधायी कार्यमंत्री शांति धारीवाल के यहां चली. सभी ने सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनाये जाने के खिलाफ हैं और उसी के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए एकजुट हुए थे. मुख्यमंत्री गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा से जब पूछा गया कि गहलोत के अलावा दूसरा कोई मुख्यमंत्री बनेगा तो क्या वो सरकार के साथ रहेंगे. इस पर लोढ़ा ने कहा कि जो विधायकों की भावना है उसके अनुरूप निर्णय होगा तो सरकार चलेगी. उन्होंने कहा, अगर विधायकों की भावना के अनुरूप निर्णय नहीं होगा तो सरकार गिरने का खतरा तो पैदा हो ही जायेगा ना. उन्होंने कहा, अगर अशोक गहलोत मुख्यमंत्री नहीं रहते हैं, तो आगामी विधानसभा चुनाव जीतने में बहुत दिक्कत आएगी, गहलोत हमारी आत्मा हैं. गहलोत ने जो बजट दिया है और जो काम किये हैं, उसका लाभ उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही हमें मिलेगा. अगर हम उनको अलग कर देंगें तो हममें कमजोरी आ जायेगी.
राजस्थान में सियासी संकट के पीछे क्या है कारण
राजस्थान में अचानक आये सियासी घमासान के पीछे कारण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिये नामांकन दाखिल करने की घोषणा की दी. जिसके बाद राज्य में नये मुख्यमंत्री की कवायद शुरू हो गयी. क्योंकि राहुल गांधी ने गहलोत के साथ मुलाकात में एक व्यक्ति एक पद की बात कही थी. इसका मतलब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा. जिसके बाद राजस्थान में एक बार फिर से अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट आमने-सामने हो गये. सचिन गुट पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, तो गहलोत गुट इसके विरोध में है.