Rajasthan Political Crisis Live: पिछले दो दिन से जारी राजस्थान की कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की लड़ाई में गहलोत भारी पड़ते दिख रहे हैं. सोमवार को कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी और इस बैठक में विधायकों की पर्याप्त संख्या आने की बात कही जा रही है. हालांकि आज की बैठक में कांग्रेस के कुछ विधायक ‘नदारद’ भी रहे.
100 MLAs present at CMR Ashok Gehlot Govt safe #RajasthanPolitics pic.twitter.com/hXA102lWWz
— Vaibhav Purohit (@purohitvaibhav) July 13, 2020
इससे पहले रविवार को सचिन पायलट के ऑफिस से एक बयान जारी कर कहा गया कि उनके साथ 30 विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत हो गई है. लेकिन अब बताया जा रहा है कि पायलट के साथ करीब दजर्न भर ही विधायक हैं. अब तक भाजपा में शामिल होने से इनकार करने वाले पायलट के बारे में खबर ये भी आ रही है कि वो अपना एक अलग फ्रंट बना सकते हैं.
विधायक दल की बैठक में विधायकों की बड़ी तादाद को देखते हुए सवाल उठ रहे हैं कि सचिन पायलट के दावे सच नहीं निकले. विधायकों के साथ अशोक गहलोत ने विक्ट्री साइन भी दिखाया. पूरे मामले में सचिन पायलट कहीं नहीं दिखे और न ही अब तक मीडिया के सामने आए. सरकार में बने रहने के लिए अशोक गहलोत को 101 विधायकों समर्थन चाहिए और कांग्रेस दावा कर रही है कि उसके पास 109 विधायक हैं.
Rajasthan: Chief Minister Ashok Gehlot, Congress leaders and party MLAs show victory sign, as they gather at CM's residence in Jaipur. pic.twitter.com/CHgtksDloG
— ANI (@ANI) July 13, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में 106 विधायक आए.इस बैठक में सचिन पायलट समर्थक कुछ विधायकों के भी पहुंचने की खबर है. बैठक में सीएम गहलोत के साथ रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद हैं.बैठक के दौरान सीएम अशोक गहलोत, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने विक्ट्री साइन दिखाया.
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पूरे विवाद पर बैठक से पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बाग़ी बने सचिन पायलट पर बिना नाम लिए निशाना साधा. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के कारण चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना सही नहीं है. सुरजेवाला ने कहा, व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा हो सकती है लेकिन राजस्थान को लोगों की भलाई सबसे बड़ी है. मैं सभी विधायकों, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अपील करता हूं इस विधायक दल की बैठक में शामिल हों. हम सब हर बात पर इकट्ठे हैं.
कभी-कभी वैचारिक मतभेद पैदा हो जाता है. लेकिन वैचारिक मतभेद के कारण चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने और बीजेपी को ख़रीद-फरोख्त में मदद करना ठीक नहीं है. अगर कोई समस्या है मिलकर बात कीजिए. सुरजेवाला ने कहा, सचिन हमारे अपने हैं. वो परिवार का सदस्य हैं. अगर सदस्य असंतुष्ट होता है तो वो अपने घर में बात रखता है और समस्या का निदान होता है. हम सचिन की हर बात सुनने के लिए तैयार हैं.”
Posted By: utpal kant