Rajasthan: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जाट नेता ज्योति मिर्धा ने थामा बीजेपी का दामन
विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस को बड़ा झटका सोमवार को लगा है. कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं से पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ पकड़ लिया है. जाट नेता ज्योति मिर्धा, पश्चिमी राजस्थान के पूर्वी कांग्रेस नेता नाथूराम मिर्धा की पोती, भाजपा में शामिल हो रही हैं.
Rajasthan : विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस को बड़ा झटका सोमवार को लगा है. वह भी एक नहीं, दो-दो झटका एक साथ. जी हां, आप सही सोच रहे है, कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं से पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ पकड़ लिया है. राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले सबसे बड़ी खबर आई है. जाट नेता ज्योति मिर्धा, पश्चिमी राजस्थान के पूर्वी कांग्रेस नेता नाथूराम मिर्धा की पोती, भाजपा में शामिल हो रही हैं. साथ ही राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में सवाई सिंह चौधरी बीजेपी में शामिल हुए.
#WATCH | Former Congress leader Jyoti Mirdha and Sawai Singh Chaudhary join BJP in the presence of Rajasthan BJP state president CP Joshi, in Delhi. pic.twitter.com/RRTG0jXpwf
— ANI (@ANI) September 11, 2023
कहा जा रहा है कि भाजपा ने जाटों को लुभाने के लिए इस महत्वपूर्ण चाल को खेला है. इसके कारण माना जा रहा है कि नागौर के जाट डोमिनेटेड इलाके की राजनीति में बड़ी गड़बड़ हो सकती है. ज्योति मिर्धा भाजपा में शामिल होने के लिए भाजपा कार्यालय पहुंच गई हैं. ज्योति मिर्धा नागौर से कांग्रेस की सांसद रही हैं. इसके बाद, 2019 में ज्योति ने फिर से कांग्रेस की टिकट पर नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन उन्हें हनुमान बेनीवाल के खिलाफ हार का सामना किया.
2009 में पहला चुनाव लड़ानागौर जिला, जिसे देश में पंचायती राज की स्थापना का जन्मस्थल माना जाता है, जाटों के प्रभुत्व में है. यहां की राजनीति में नाथूराम मिर्धा का बहुत प्रभाव है. राजस्थान की जाट राजनीति का गढ़, स्वतंत्रता के बाद के अधिकांश समय के लिए कांग्रेस के अधीन रहा है. नाथूराम मिर्धा ने नागौर से छह बार सांसद रहे हैं. ज्योति, जिन्होंने बचपन से ही घर पर की जाने वाली राजनीतिक वातावरण को देखकर बड़ा होते हुए, साल 2009 में पहला चुनाव लड़ा. नागौर के लोगों ने ज्योति को एक बड़े वोट से लोकसभा में भेजा.
मोदी लहर के सामने नहीं टिक सकी ज्योतिइसके बाद, 2014 में मोदी लहर में ज्योति को बीजेपी के सीआर चौधरी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनावों में फिर से ज्योति को उम्मीदवार बनाया. तब ज्योति को फिर से उम्मीदवार बनाने पर कई विरोध की आवाजें उठीं थी. लेकिन नागौर की राजनीति में मिर्धा परिवार के प्रभुत्व को देखते हुए, कांग्रेस ने विरोध की आवाजों को नजरअंदाज किया. लेकिन उस समय भी मोदी लहर में ज्योति ने नागौर सीट वापस नहीं जीत सकी.
दिल्ली के बीजेपी कार्यालय में, पार्टी के राजस्थान प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में ज्योति को बीजेपी की सदस्यता दिलवाई और दुपट्टा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया. इस मौके पर प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. ज्योति मिर्धा के पार्टी में शामिल होने से पार्टी नागौर में और मजबूत होगी.