Rajasthan Politics: राजस्थान में मचा सियासी घमासान का अंत जल्द नहीं दिख रहा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की खाई इतनी गहरी हो गयी है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी इसे पाटने में असफल रहा. सोमवार के बाद एक बार फिर आज जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो रही है, मगर इसमें सचिन पायलट और उनका खेमा शामिल नहीं हुआ. सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा अहमद पटेल, पी चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं ने स्थिति को सुझाने के लिए सचिन पायलट से बात की है और उन्हें जयपुर में पर्यवेक्षकों से बात करने के लिए कहा गया है.
बता दें कि कि गहलोत के शक्ति प्रदर्शन के बाद ये बात सामने आई थी कि सचिन पायलट ने अपनी ओर से कुछ शर्तें रखी हैं. इससे पहले दिन में सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अगर पार्टी में कोई भी परेशान है, तो उन्हें पार्टी के सदस्यों के साथ चर्चा करके इसका हल निकालना चाहिए.
Congress leaders Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi Vadra and Ahmed Patel, P. Chidambaram and KC Venugopal have talked to Sachin Pilot several times, but there is less possibility of his attending the CLP meet today: Sources
— ANI (@ANI) July 14, 2020
गौरतलब है कि सोमवार को सीएम अशोक गहलोत के निवास पर विधायक दल की बैठक हुई थी. बैठक के बाद विधायकों को होटेल भेज दिया गया था. पार्टी नेताओं ने दावा किया कि इस बैठक में 122 विधायकों में से 106 शामिल हुए. हालांकि, पायलट समर्थकों ने दावे को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि बहुमत विधानसभा में साबित होता है, सीएम आवास पर नहीं.
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सीएम अशोक गहलोत से सचिन पायलट की नाराजगी के बीच उन्हें मनाने की कोशिशें लगातार जारी हैं. राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने एक बार सचिन पायलट से मंगलवार को हो रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने की अपील करते हुए कहा, ‘हम उन्हें दूसरा मौका दे रहे हैं. उनसे आज की सीएलपी बैठक में भाग लेने के लिए कहा गया. मुझे उम्मीद है कि आज सभी विधायक आएंगे और नेतृत्व को एकजुटता देंगे और जिसके लिए राजस्थान के लोगों ने मतदान किया. हम सभी राज्य के विकास के लिए काम करना चाहते हैं.
राजस्थान में सचिन पायलट का खेमा अपनी बात पर अड़ गया है. पायलट गुट के विधायकों ने कहा कि जब तक मान सम्मान की गारंटी नहीं होगी, तब तक वापसी नहीं होगी और मान-सम्मान तब तक वापस नहीं मिलेगा जब तक नेतृत्व में परिवर्तन नहीं होगा. सूत्रों के अनुसार पायलट गुट ने आलाकमान के पास संदेश भिजवा दिया है कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री के पद से हटाने पर ही समझौता हो पाएगा.
Posted By: Utpal kant