Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्खास्त कर दिया है. बीजेपी इस मामले को लेकर राजस्थान सरकार का विरोध कर रही है. इस बीच राजेंद्र गुढ़ा आज यानी सोमवार को विधानसभा पहुंचे थे. जिस लाल यायरी का जिक्र उन्होंने बीते दिनों किया था, गुढ़ा अपनी उसी डायरी के साथ विधानसभा पहुंचे थे. इस बीच गूढ़ा ने आरोप लगाया कि उन्हें सदन में दाखिल नहीं होने दिया गया. इधर सदन में गुढ़ा की लाल डायरी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. सदन में हो रही गहमा-गहमी के बीच राजेंद्र गुढ़ा और शांति धारीवाल के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई. पूरे प्रकरण पर कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने का कहना है कि मैं सदन के सभापति को अपनी लाल डायरी पेश करना चाहता था, लेकिन उन्होंने मुझे विधानसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी.
#UPDATE with clarification | Congress leader Rajendra Singh Gudha, clarifies "I wanted to present my red diary to the Chairman of the House, but he did not allow me to speak in the Assembly" https://t.co/vINE7wna7C
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 24, 2023
नहीं दिया गया विधानसभा में बोलने- गुढ़ा
राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का कहना है कि मैं अपनी लाल डायरी सभापति को सौंपना चाहता था लेकिन उन्होंने मुझे बोलने नहीं दिया. कांग्रेस नेता शांति कुमार धारीवाल ने मुझे धक्का दिया और अन्य कांग्रेस नेताओं ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी और डायरी के कुछ पन्ने छीन लिए. उन्होंने कहा कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने मुझे लात-घूंसे मारे और बाद में मुझे विधानसभा से बाहर निकाल दिया. मुझे सत्र में शामिल न होने के लिए फोन आ रहे थे और कहा जा रहा था कि मुझे जल्द ही जेल भेज दिया जाएगा.
#WATCH | Sacked Rajasthan Minister Rajendra Singh Gudha, says "I wanted to present my red diary to the Chairman but he did not allow me to speak. Congress leader Shanti Kumar Dhariwal pushed me and other Congress leaders started fighting with me and took away some pages of the… pic.twitter.com/pyxvF5M36D
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 24, 2023
50 लोगों ने किया हमला- गुढ़ा
राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि सदन में करीब 50 लोगों ने मुझ पर हमला किया, मुझे मुक्का मारा गया. उन्होंने कहा कि उन्हें लात मारी गई और कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा से बाहर खींचकर निकाल दिया. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने मुझे बोलने की अनुमति भी नहीं दी. मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए कि मैं बीजेपी के साथ हूं. मैं जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है.
#WATCH | Former Rajasthan Minister Rajendra Singh Gudha, says "Around 50 people attacked me, punched me, kicked me and Congress leaders dragged me out of the Assembly. The Chairman of the Rajasthan Assembly did not even allow me to speak. There were allegations against me that I… pic.twitter.com/YamjvHUcCO
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माफी मांगने के बजाय संघर्ष करने का फैसला किया : राजेंद्र गुढ़ा
वहीं, राजस्थान में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने माफी मांगने के बजाय संघर्ष करने का फैसला किया है. सोमवार को विधानसभा की कार्रवाई शुरू होने से पहले मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा ने कहा कि मैंने माफी मांगने के बजाय संघर्ष करने का रास्ता चुना है. मुझे किस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए… मैंने महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठाई है. गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था. हालांकि सरकार पर आरोप लगाने के कुछ ही घंटो बाद गुढ़ा को सीएम अशोक गहलोत ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया. गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण , होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा , पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग था.
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हंगामे के बीच राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही स्थगित
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष की ओर से मंत्री पद से बर्खास्त किए गए विधायक राजेंद्र गुढ़ा को सदन में एक लाल डायरी पेश करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार को शून्यकाल के बीच स्थगित कर दी गयी. शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही मंत्री पद से बर्खास्त किए गए विधायक राजेंद्र गुढ़ा लाल रंग की एक डायरी लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के सामने पहुंच गए थे.
अपनी डायरी को उन्होंने अध्यक्ष को सौंपनी भी चाही लेकिन जोशी ने उन्हें अनुमति नहीं दी.इस बीच गुढ़ा और जोशी के बीच काफी तक गर्मागर्मी होती रही. इसके बाद गुढ़ा संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की ओर बढ़े. दोनों नेताओं में कुछ बहस हुई. बात हाथापाई तक पहुंच गई. इसके सत्ता पक्ष के कई मंत्री वहां पहुंच गए और गुढ़ा को दूर किया. वहीं मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के विधायक भी नारेबाजी करते रहे. इसके बाद जोशी ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की.