राजस्थान की सीमाएं सील, गहलोत ने पीएम मोदी से मांगा राहत पैकेज

राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर राजस्थान में पूर्ण लॉक डाउन का ऐलान होने के कारण सार्वजनिक परिवहन बसों (रोडवेज व निजी) से राजस्थान में प्रवेश एवं राज्य से बाहर जाना प्रतिबंधित कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने एक सरकारी बयान में सार्वजनिक अपील में कहा कि लॉक डाउन का ऐलान कर दिया गया है अतः लोगों से अनुरोध है कि राज्य सीमा पर असुविधा से बचने के लिए कृपया अपनी यात्रा को समय रहते स्थगित कर दें.

By Mithilesh Jha | March 23, 2020 8:58 AM
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जयपुर : राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर राजस्थान में पूर्ण लॉक डाउन का ऐलान होने के कारण सार्वजनिक परिवहन बसों (रोडवेज व निजी) से राजस्थान में प्रवेश एवं राज्य से बाहर जाना प्रतिबंधित कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने एक सरकारी बयान में सार्वजनिक अपील में कहा कि लॉक डाउन का ऐलान कर दिया गया है अतः लोगों से अनुरोध है कि राज्य सीमा पर असुविधा से बचने के लिए कृपया अपनी यात्रा को समय रहते स्थगित कर दें.

इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना वायरस के संकट से प्रभावित पर्यटन, होटल एवं अन्य एमएसएमई इकाइयों को राहत देने तथा समाज के कमजोर वर्गों को खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है.

गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में 29 लाख जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत पैकेज की मांग की है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में लिखे पत्र में कहा है, ‘वायरस के संक्रमण के कारण प्रदेश के करीब 23 लाख निर्माण श्रमिकों, पांच लाख पंजीकृत कारखाना श्रमिकों तथा शहरी क्षेत्रों के करीब एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स पर रोजगार का बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है. केंद्र सरकार इनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करे, ताकि ये वर्ग अपनी रोजी-रोटी जुटा सकें.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में दिहाड़ी पर जीविकोपार्जन करने वाले खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को सबसे अधिक संबल की आवश्यकता है. इस कमजोर वर्ग की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को आने वाले चार महीनों के लिए नि:शुल्क गेहूं देने के साथ ही खाद्य सुरक्षा के दायरे से बाहर पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं स्ट्रीट वेंडर्स को भी फूड सिक्यूरिटी के तहत नि:शुल्क गेहूं दिया जाये.

उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी की वजह से कार्यस्थल तक नहीं पहुंच पाने वाले मनरेगा मजदूरों को इस अधिनियम में दिया जाने वाला बेरोजगारी भत्ता प्रदान करे. गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार अपने क्षेत्राधिकार का उपयोग करते हुए पर्यटन, होटल एवं अन्य एमएसएमई इकाइयों को जीएसटी के भुगतान में छूट दे अथवा इसे स्थगित करने पर विचार करे. साथ ही बैंक ऋणों की किस्तों के पुनर्निर्धारण और चालू वित्त वर्ष में आयकर के भुगतान में छूट देने या इसे स्थगित करने जैसे निर्णय कर उद्योगों को संबल प्रदान करे.

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