राजस्थान चुनाव 2023: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी रणनीति बना रही है. ऐसे में कुछ विधानसभा सीट ऐसे है जिसपर इस बार के चुनाव में सबकी नजर रहने वाली है. कांग्रेस के अंदर भले ही चुनाव से पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सबकुछ ठीक हो गया हो लेकिन, इस बार के विस चुनाव में दोनों दिग्गज अपना दमखम दिखाने की कोशिश करेंगे. वहीं, बीजेपी भी अपनी खोई हुई सत्ता के लिए बड़े उलटफेर कर सकती है. ऐसे में जब खबर आ रही है कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट के विधानसभा सीट पर बीजेपी की नजर अड़ी हुई है. खबरें है कि बीजेपी की तरफ से टोंक विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी रमेश बिधूड़ी को दी गई है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में घिरे लोकसभा सदस्य रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले में चुनाव संबंधी जिम्मेदारी क्यों सौंपी गई और क्या इससे सचिन पायलट को असर पड़ेगा? ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे है. तो आइए हम विस्तार से देखते है क्या कहता है चुनावी समीकरण और क्यों है विपक्षी दलों का रमेश बिधूड़ी के लिए विरोध.
बात अगर करें 2018 विधानसभा चुनाव के परिणाम की तो टोंक विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से एक सचिन पायलट को मैदान में उतारा था. इस चुनाव में सचिन पायलट ने अपना दमखम दिखाते हुए 50 हजार से अधिक वोटों के अंतर से यह चुनाव जीता था. सचिन पायलट को चुनाव में कुल 109040 वोट मिले थे और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार यूनस खान (54861 वोट) को 54,179 वोट के अंतर से हराया था.
लेकिन, वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में मामला उल्टा था. राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की रीत की तरह ही 2013 में जीत बीजेपी की हुई थी. हालांकि, उस वक्त कांग्रेस के तरफ से उम्मीदवार सचिन पायलट नहीं बल्कि, जकिया थी. टोंक जिले में अब तक जकिया ही एकमात्र ऐसी महिला उम्मीदवार रही हैं जो वहां से तीन बार विधायक बनीं. लेकिन उस चुनाव में बीजेपी के अजित सिंह के सामने वह टिक नहीं पाई थी. बीजेपी के अजित सिंह ने 30,343 वोट के अंतर से यह चुनाव जीता था.
अब ऐसे में सवाल ये खड़े हो रहे है टोंक विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की तरफ से अगर सचिन पायलट दुबारा चुनाव लड़ते है तो जीत उनकी होगी या राजस्थान का हर बार सत्ता परिवर्तन का इतिहास दोहराएगा. ऐसे में जहां पिछली बार अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाकर इन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि मौके कई मिलेंगे इन्हें, तो इस बार कहा जा सकता है कि अगर राज्य में कांग्रेस सत्ता में आती है और सचिन पायलट इसी विधानसभ क्षेत्र से चुनाव जीतते है तो यह क्षेत्र उन्हें कुर्सी तक ले जा सकती है.
लेकिन उससे बड़ा सवाल अभी विपक्षी नेता उठा रहे है रमेश बिधूड़ी पर. विपक्षी दलों के नेताओं ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में घिरे लोकसभा सदस्य रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले में चुनाव संबंधी जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा. राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भाजपा ने संसद में दानिश अली के खिलाफ ‘‘आपत्तिजनक टिप्पणी’’ करने के लिए बिधूड़ी को इनाम दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ‘नफरत’ को पुरस्कृत करती है. संसद के विशेष सत्र में दानिश अली (बसपा) के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने के लिए बिधूड़ी को इनाम दिया गया है. भाजपा ने बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले का प्रभारी बनाया है.’’ उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘‘टोंक में मुस्लिम आबादी 29.25 प्रतिशत है. यह राजनीतिक लाभ के लिए ‘नफरत’ का प्रतीक है.’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बीती रात ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’- ये सब है इनका बकवास.’’ तृणमूल कांग्रेस की सासंद महुआ मोइत्रा ने भी भाजपा को निशाने पर लिया और कहा कि मुस्लिम सांसद के खिलाफ टिप्पणियां करने के लिए बिधूड़ी को पुरस्कृत किया गया है. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जिस व्यक्ति को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उसे भाजपा नयी भूमिका कैसे दे सकती है? नरेन्द्र मोदी जी, क्या यही अल्पसंख्यकों के लिए आपकी स्नेह यात्रा है…?’’
टोंक जिले में बड़ी संख्या में गुर्जर आबादी के बसे होने के कारण भाजपा मानती है कि बिधूड़ी गुर्जर वोट उसके पक्ष में ला सकते हैं क्योंकि वह भी गुर्जर समुदाय से आते हैं. इस जिले में विधानसभा की चार सीट हैं जिनमें से एक से वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट विधायक हैं. पायलट भी गुर्जर समुदाय से हैं. भाजपा सूत्रों ने बताया कि बिधूड़ी की जिम्मेदारी जिले में पार्टी के चुनाव प्रभारी के रूप में होगी.
बिधूड़ी ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि जयपुर में टोंक जिले के लिए हुई समन्वय समिति की बैठक में वह शामिल हुए. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी भी उस बैठक में उपस्थित थे. दक्षिण दिल्ली से भाजपा के सांसद बिधूड़ी को पिछले सप्ताह लोकसभा में अली के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के बाद पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. बिधूड़ी की टिप्पणियों को लेकर विपक्षी दलों ने उन्हें सदन से निलंबित करने की मांग करते हुए भारी आक्रोश जताया था.
पिछले गुरुवार को चंद्रयान-3 चंद्र मिशन की सफलता पर चर्चा के दौरान अली पर निशाना साधते हुए बिधूड़ी ने अपमानजनक टिप्पणी की थी जिसे लेकर हंगामा मच गया और विपक्षी नेताओं ने भाजपा सांसद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. विपक्षी दल अली के साथ एकजुट हो गए हैं और सांसद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर भाजपा को निशाना बना रहे हैं. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कई सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.