राजस्थान : कोटा में IIT की तैयारी कर रहे छात्र ने की आत्महत्या, इस महीने का यह चौथा केस
राजस्थान के कोटा में आईआईटी-जेईई की तैयारी कर रहे एक 18 वर्षीय छात्र ने आत्महत्या कर ली. घटना बीते मंगलवार की है. बता दें कि छात्र वहां के एक कोचिंग में पढ़ाई करता था और वहीं पीजी कमरे में रहता था. मृतक छात्र बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है.
Rajasthan : राजस्थान के कोटा में आईआईटी-जेईई की तैयारी कर रहे एक 18 वर्षीय छात्र ने आत्महत्या कर ली. घटना बीते मंगलवार की है. बता दें कि छात्र वहां के एक कोचिंग में पढ़ाई करता था और वहीं पीजी कमरे में रहता था. कोटा में इस महीने किसी कोचिंग छात्र द्वारा संदिग्ध आत्महत्या का यह चौथा और इस साल का 21वां मामला है. पुलिस के अनुसार, मृतक छात्र बिहार के गया जिले का रहने वाला बताया जा रहा है जो कोटा के एक कोचिंग संस्थान में आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग ले रहा था और महावीर नगर इलाके में एक पीजी कमरे में रह रहा था.
कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, घटना मंगलवार रात करीब 8 बजे सामने आई, जिसके बाद शव को कमरे से बरामद किया गया और पोस्टमार्टम के लिए न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के शवगृह में ले जाया गया. पुलिस ने बताया कि पूछताछ के बाद यह जानकारी मिल रही है कि छात्र मंगलवार को घर से निकला ही नहीं था और आखिरी बार सोमवार शाम को देखा गया था. पुलिस ने यह भी बताया कि उनके कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. जांच चल रही है.
मृतक की पहचान वाल्मीकि प्रसाद के तौर पर
मृतक की पहचान वाल्मीकि प्रसाद के तौर पर की गई है. वह एक कोचिंग संस्थान में पिछले अकादमिक सत्र से आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था और महावीर नगर इलाके में एक कमरे में पेइंग गेस्ट के तौर पर रह रहा था. महावीर नगर पुलिस थाने के अधिकारी परमजीत पटेल ने बताया कि छात्र ने मंगलवार को कमरे में एक लोहे की रॉड से फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली. उन्होंने बताया कि छात्र को अंतिम बार सोमवार शाम को देखा गया था.
जनवरी से लेकर अब तक ऐसे मामलों की संख्या 20
कोटा में इस महीने की शुरुआत में कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करने वाले आईआईटी-जेईई के दो तथा नीट-यूजी के एक उम्मीदवार ने भी कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक ऐसे मामलों की संख्या 20 हो गई है. पिछले वर्ष यहां आत्महत्या के 15 मामले सामने आए थे. जिला प्रशासन से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कोटा में इस साल ऐसे छात्रों में प्रति माह औसतन तीन आत्महत्याएं दर्ज की गईं.
कोचिंग छात्रों के लिए मनोवैज्ञानिक परीक्षण
अधिकारियों ने रविवार को कहा कि कोटा में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या से होने वाली मौतों के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए जिला प्रशासन हर पखवाड़े छात्रों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण करेगा. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों के मुताबिक, परीक्षण से छात्रों में आत्महत्या की प्रवृत्ति का पता लगाने में मदद मिलेगी ताकि उन्हें समय पर परामर्श प्रदान किया जा सके. कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने एक समीक्षा बैठक आयोजित करने के बाद मीडिया को बताया, “हम हर कोचिंग छात्र का हर पखवाड़े मनोवैज्ञानिक परीक्षण करने जा रहे हैं, चाहे वह कोचिंग संस्थान, छात्रावास या पीजी में हो.”