जयपुर : केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने एक ऐसा स्वत: संक्रमण मुक्त बनाने वाला ‘टनल’ बनाया है, जिससे संस्थान में प्रवेश करने से पहले हर व्यक्ति संक्रमण से मुक्त हो सकेगा. इसमें एक व्यक्ति को संक्रमणरहित करने पर केवल 20 पैसे का खर्च आता है.
संस्थान के एक प्रवक्ता के अनुसार, काजरी द्वारा निर्मित यह ‘सेल्फ-डिसइनफैक्टेंट टनल’ संस्थान के प्रवेश द्वार पर लगाया गया है. इसे एल्यूमीनियम पाइप और विशेष पॉलीथिन शीट की मदद से बनाया गया है. ‘टनल’ के अंदर छिड़काव के लिए मशीन लगायी गयी है, जो आधा हॉर्सपावर के पंप की मदद से चलती है.
इस टनल के दोनों ओर बिजली के स्विच लगाये गये हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति इसे स्वयं ही चालू और बंद कर सके. इसमें 500 लीटर क्षमता की एक टंकी का इस्तेमाल किया गया है. ‘टनल’ से बाहर निकलने के बाद व्यक्ति अपने हाथ और चेहरा धो सके, इसके लिए वॉश बेसिन और पानी की व्यवस्था की गयी है.
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काजरी की इस ‘टनल’ की लागत केवल 15 हजार रुपये है. काजरी की यह पहल संस्थान के वैज्ञानिकों और अन्य कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने में मददगार साबित हो रही है. जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) के वैज्ञानिक मरु व शुष्क क्षेत्र के किसानों के लिए खेती-बाड़ी और सिंचाई की नयी और आधुनिक तकनीक विकसित करने का काम करते हैं.
राजस्थान सरकार ने खरीफ सीजन 2020 के लिए किसानों को मक्का और बाजरे के प्रमाणित बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय किया है. कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे संकट के बीच राज्य के किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य बीज निगम लिमिटेड द्वारा राष्ट्रीय बीज निगम से प्रमाणित बीजों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस फैसले से राज्य के लाखों किसानों को फायदा होने की उम्मीद है.
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वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, खरीफ सीजन के दौरान प्रदेश के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में पांच लाख किसानों को मक्का के प्रमाणित बीज के पांच किलोग्राम के मिनीकिट और सभी बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख किसानों को 1.5 किलोग्राम के बाजरा के प्रमाणित बीज के मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे.
मुख्यमंत्री ने राज्य बीज निगम को राष्ट्रीय बीज निगम से खरीफ सीजन 2020 के लिए सोयाबीन के 26 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज और 14 हजार क्विंटल सोयाबीन के आधार बीज की खरीद के लिए भी स्वीकृति दे दी है.