Udaipur Stabbing: उदयपुर में शुक्रवार को एक सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र ने होम वर्क को लेकर हुई बहस के बाद अपने सहपाठी पर चाकू से वार कर दिया था. इस घटना के बाद जिले में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. पुलिस के मुताबिक आरोपी और उसके पिता को स्कूल में खंजर ले जाने के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. इस घटना में पीड़ित की मां ने आरोप लगाया, “उन्होंने मेरे बेटे को मार डाला है. अब प्रशासन हमें उससे मिलने नहीं दे रहा है.” इसके साथ ही उन्होंने मुखर्जी नगर चौक से 30 से 40 महिलाओं के एक समूह की रैली का नेतृत्व किया. नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी महाराणा भूपाल अस्पताल पहुंचे, जहां लड़के का इलाज चल रहा है. इसके अलावा उन्होंने पीड़ित से मिलने की मांग की है.
जिला कलेक्ट अरविंद पोसवाल शांति बहाल करने की अपील की
विरोध प्रदर्शन के दौरान जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल घटनास्थल पर पहुंचे, इस बीच दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पीड़िता की मौत चोटों के कारण हो चुकी है और परिवार को इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है. इस पूरे मामले पर जिला कलेक्ट अरविंद पोसवाल ने कहा, “इस बात को लेकर कुछ भ्रम था कि परिवार को अपने बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्हें सभी घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी गई. बच्चा स्थिर है और कोटा और जयपुर के डॉक्टरों की टीमें उसकी निगरानी कर रही हैं. परिवार को चिकित्सा अधिकारियों के संपर्क नंबर दिए गए हैं, ताकि वे जब चाहें उनसे बात कर सकें. मैंने उनमें से दो को मेरे साथ आने और आईसीयू में बच्चे से मिलने के लिए कहा है.” उन्होंने आगे कहा, “परिवार ने अफवाहों के आधार पर विरोध प्रदर्शन किया. हम सभी से आग्रह करते हैं कि वे दूर रहें और क्षेत्र में शांति बहाल करने में पुलिस का सहयोग करें.”
जानें, क्या था पूरा मामला
उदयपुर में शुक्रवार को एक सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र ने अपने सहपाठी पर चाकू से वार कर दिया था. इस घटना के बाद जिले में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 115 और 126 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस घटना के बाद उदयपुर में कई विरोध प्रदर्शन हुए. शहर में कुछ स्थानों पर यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और भीड़ ने कारों को आग लगा दी, कई अन्य वाहनों में तोड़फोड़ की और पथराव किया. इसके बाद प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं थी.