Rajasthan News: माइनिंग और मेटल्स सेक्टर (Mining and Metals Sector) की प्रमुख कंपनी वेदांता (Vedanta) ने राजस्थान में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है. इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाओं के लिए निर्धारित किया गया है. कंपनी की डायरेक्टर, प्रिया अग्रवाल हेब्बर, ने 30 अगस्त, शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया, “हमारी कुछ बड़ी कंपनियां, जैसे हिंदुस्तान जिंक और केयर्न इंडिया, पहले से ही राजस्थान में सक्रिय हैं. हमने पिछले कुछ वर्षों में राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. आने वाले समय में हम इसी तर्ज पर 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश और करेंगे, जिसमें एक बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट (Renewable energy project) भी शामिल होगा.”
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प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने यह घोषणा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से मुलाकात के बाद की. इस बड़े निवेश से राजस्थान में उद्योगों को नई ताकत मिलेगी और रोजगार के कई नए अवसर उत्पन्न होंगे. वेदांता, अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाला व्यापारिक समूह है. यह समूह जिंक, सिल्वर, लेड, एल्युमीनियम, क्रोमियम, कॉपर, और निकेल जैसे मेटल्स और मिनरल्स के अलावा ऑयल एंड गैस, आयरन एंड स्टील, कोयला और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी सक्रिय है. अब कंपनी सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास (Semiconductor and display glass) निर्माण के क्षेत्र में भी प्रवेश कर रही है.
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पिछले वर्ष, वेदांता ने अपने मेटल्स, पावर, एल्युमीनियम और ऑयल एंड गैस व्यवसायों को अलग-अलग कंपनियों में विभाजित करने की घोषणा की थी. कंपनी का उद्देश्य इस कदम के जरिए इन कंपनियों की वैल्यू को अनलॉक करना है. इस योजना के तहत, वेदांता 6 अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में विभाजित हो जाएगी, जो इस प्रकार हैं:
1. वेदांता एल्युमीनियम
2. वेदांता ऑयल एंड गैस
3. वेदांता बेस मेटल्स
4. वेदांता लिमिटेड
5. वेदांता पावर
6. वेदांता स्टील और फेरस मटेरियल्स
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