बिहार: रिवर फ्रंट की तरह विकसित होगा सुलतानगंज गंगा तट, कांवरियों को भी मिलेंगी कई सुविधाएं..

बिहार सरकार सुलतानगंज गंगा तट को रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित करेगी. जानिए क्या है पूरी जानकारी..

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 16, 2024 1:21 PM
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शुभंकर: सुलतानगंज के उत्तर वाहिनी गंगा तट को रिवरफ्रंट की तरह विकसित करने को लेकर रास्ता साफ हो गया है. बिहार सरकार ने शुक्रवार को 164.57 करोड़ की प्रशासनिक एवं व्यय की स्वीकृति दे दी है. सुलतानगंज विधायक प्रो ललित नारायण मंडल ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार से मिल कर सुलतानगंज के गंगा तट पर रीवर फ्रंट बनाने की मांग की गई थी जिसे स्वीकृति दे दी गयी है. नमामि गंगे घाट से कृष्णगढ़ घाट तक पक्की घाट निर्माण को लेकर पूर्व में सर्वेक्षण हो चुका है.

सुलतानगंज के गंगा तट पर रीवर फ्रंट बनेगा, कैबिनेट से लगी मुहर

अजगैवीनाथ मंदिर के समीप गंगा नदी के दायें तट पर पुरानी उत्तर वाहिनी धार में चैनल व सीढ़ी घाट निर्माण कार्य (एजेंडा संख्या-216/04/24) ( प्राक्कलित राशि 16457.00 लाख रुपये ) (164 करोड़ 57 लाख मात्र) के प्रशासनिक एवं व्यय की स्वीकृति का प्रस्ताव केबिनेट में स्वीकृत हो गया. जिससे कार्य अब तेजी से शुरू होगा.

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पर्यटकों को मिलेगी सुविधा, बनेगा दर्शनीय क्षेत्र

विधायक ने बताया कि स्वीकृति के बाद पर्यटक को काफी सुविधा होगी. नमामि गंगे घाट से कृष्णगढ़ तक चैनल व सीढ़ी घाट निर्माण से रीवर फ्रंट की तरह विकसित हो जायेगा. घाट निर्माण हो जाने के बाद सुलतानगंज में कांवरियों के साथ-साथ आम श्रद्धालुओं को भी गंगा किनारे कई सुविधाएं मिलने लगेगी. विधायक ने बताया कि सुलतानगंज को पर्यटन स्थल बनाने को लेकर पहल किया जा रहा है.

निर्माण के बाद कांवरियों को होगी सुविधा

शहर गंगा नदी के किनारे होने के कारण सालों भर श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है. श्रावणी मेला के कारण शहर का विशेष महत्व है. श्रावणी मेला में प्रतिदिन लाखों कांवरिया आते हैं. सुलतानगंज में मात्र दो घाट अजगैवीनाथ घाट एवं नमामि गंगे घाट है. गंगा किनारे एक तरफ मुरली पहाड़ तो दूसरी तरफ बाबा अजगैवीनाथ का मंदिर है. प्राचीन एवं ऐतिहासिक धरोहर है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों व आम लोगों ने इसे सुलतानगंज के लिए बड़ी उपलब्धि बताया. बताया कि सुलतानगंज के विकास को लेकर यह मील का पत्थर साबित होगा.

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