RO ARO Exam Cancel: यूपी में आरओ एआरओ परीक्षा भी रद्द, छह महीने में दोबारा होगा एग्जाम
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने 11 फरवरी को समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 (RO ARO Exam) कराई थी. इसके बाद से ही परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक की सूचनाएं वायरल हो रही थीं. अभ्यर्थियों ने प्रयागराज में परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर अयोग के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया था.
लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरओ एआरओ (RO ARO Exam) परीक्षा भी रद्द कर दी है. अभ्यर्थियों के धरना प्रदर्शन के बाद सीएम ने ये फैसला लिया है. परीक्षा में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ कराने के निर्देश भी दिए गए हैं. छह महीने में परीक्षा को दोबारा कराने के लिए कहा गया है.
पहले दिए गए थे जांच के आदेश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 24 फरवरी को सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द करने के साथ ही यूपीपीएससी की आरओ/एआरओ परीक्षा की परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक से संबंधित शिकायतों के जांच के निर्देश दिए थे. इस संबंध में अभ्यर्थियों से साक्ष्य भी मांगे गए थे. लेकिन अभ्यर्थी लगातार दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे. विपक्षी दल भी यूपी में लगातार पेपर लीक के प्रकरण को मीडिया के माध्यम से उछाल रहे थे. इसी को देखते हुए सीएम योगी ने शनिवार को आरओ एआरओ परीक्षा को भी रद्द करने के निर्देश दिए हैं.
कुल 334 पदों के लिए हुई थी परीक्षा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने 11 फरवरी को समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 कराई थी. इसमें समीक्षा अधिकारी के 334 और सहायक समीक्षा अधिकारी के 77 पदों के लिए 1076004 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे. 58 जिलों में परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस परीक्षा में भी गड़बड़ी की शिकायतों को री एग्जाम कराने की मांग की जा रही है.इसके बाद सही इसमें गड़बड़ी और पेपर लीक की सूचनाएं वायरल हो रही थीं. अभ्यर्थियों ने प्रयागराज में परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर अयोग के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को रद्द करने के साथ ही निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में सम्मिलित व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक व दंडात्मक कार्रवाई की जाए. एसटीएफ इस मामले की जांच करेगी.
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती भी हुई थी रद्द
इससे पहले सीएम योगी आदित्यानाथ ने 17 व 18 फरवरी को हुई यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था. सीएम ने छह माह के अंदर सिपाही भर्ती परीक्षा दोबारा आयोजित कराने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ और परीक्षा की शुचिता से समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए. इसी के साथ ही शासन ने यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश दिए थे कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उनके विरुद्ध एफआईआर कराई जाए. छह माह बाद होने वाली परीक्षा में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा से अभ्यर्थियों को निःशुल्क आने-जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.