रविवार को आयोजित NEET UG 2024 की परीक्षा में देश भर के करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. बिहार के विभिन्न जिलों से नीट की परीक्षा के दौरान कई फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा गया है. पूर्णिया से चार तो कटिहार से सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये सभी दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे थे. इसके अलावा पटना, वैशाली और गोपालगंज से भी कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पूर्णिया में नीट परीक्षा देते चार फर्जी अभ्यर्थी धराये
पूर्णिया के एसआर डीएवी स्कूल में नीट की परीक्षा देते चार मुन्ना भाई को रंगे हाथ पकड़ लिया गया. पकड़े गये सभी डमी कैंडिडेट दूसरे छात्र की जगह परीक्षा दे रहे थे. इस संबंध में एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि नीट के एग्जाम में चार युवक को दूसरे छात्र के पेपर देने को लेकर गिरफ्तार किया गया है. इन सभी ने अपना-अपना जुर्म कबूल कर लिया है. पकड़े गये सभी युवक एमबीबीएस के छात्र हैं. इस संबंध में स्थानीय मधुबनी थाना में इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. पकड़े गये डमी कैंडिडेट से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि सभी चार अभ्यर्थियों को नीट की परीक्षा पास कराने में कुल 20 लाख रुपए की डील तय हुई थी.
सभी मेडिकल के स्टूडेंट
दरअसल, रविवार को नीट की परीक्षा ठीक 2 बजे शुरू हो गई थी. परीक्षा शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद पर्यवेक्षक को इनकी हरकतों को देखकर उनपर शक हुआ. इसके बाद पूछताछ में डमी कैंडिडेट होने का भांडा फूटा. डमी कैंडीडेट में एक राजस्थान के जालौर और अन्य भोजपुर, बेगूसराय और सीतामढ़ी जिले के हैं. ये सभी मेडिकल स्टूडेंट्स बताये जा रहे हैं. इस मामले में पकड़े गये डमी कैंडिडेट में राजस्थान के जालौर जिले के सांचौर थाना के खाका राम गांव निवासी कमलेश कुमार है. कमलेश अभ्यर्थी धीरज प्रकाश की जगह परीक्षा का पेपर लिख रहा था.
वहीं दूसरे की पहचान भोजपुर जिले के बिहियां गांव के वार्ड 2 निवासी नीतीश कुमार के रूप में हुई है. नीतीश अभ्यर्थी आशीष की जगह एग्जाम दे रहा था. तीसरे की पहचान बेगूसराय जिले के मटिहानी थाना के रामदीरी अंतर्गत नकती टोला वार्ड 6 निवासी सौरभ कुमार के रूप में हुई है. सौरभ अभ्यर्थी तथागत कुमार की जगह पेपर दे रहा था. जबकि चौथे की पहचान सीतामढ़ी जिले के चौरोथ थाना के बड़ी बिहटा गांव के वार्ड 4 निवासी मयंक चौधरी उर्फ कृष्णा कुमार के रूप में हुई है. मयंक दीपक कुमार की जगह परीक्षा दे रहा था.
पास होने के बाद 5-5 लाख देने का किया गया था वायदा
पकड़े गये डमी कैंडिडेट से पूछताछ में एक खुलासा हुआ है कि सभी चार अभ्यर्थियों को नीट की परीक्षा पास कराने में कुल 20 लाख रुपए की डील तय हुई थी.पेपर में पास होने के बाद प्रति कैंडिडेट 5 लाख मिलने थे. डमी कैंडीडेट मयंक चौधरी ने बताया कि वे सभी मेडिकल के स्टूडेंट्स हैं. किसी थर्ड पर्सन के जरिये ये डील 20 लाख में फिक्स हुई थी. वे उनकी पहचान नहीं बता सकते. 5-5 लाख करके चारों डमी कैंडिडेट में बांटें जाने थे. अभी सिर्फ खर्चा पानी के लिए पैसे मिले थे. पेपर पूरे हो जाने पर बाकी के रकम दिये जाते.
पर्दे के पीछे कौन है, तलाश रही पुलिस
पेपर लिखते समय उनके फोटो मिलान के लिए आये एग्जामिनर को उन लोगों पर शक हुआ. पेपर लिखकर वे जैसे ही एग्जाम सेंटर से निकल रहे थे, उन्हें रोक लिया गया. इधर जांच में जुटी पूर्णिया पुलिस, जिनके बदले ये सभी परीक्षा में बैठे थे, उनकी जानकारी जुटा रही है. इस संबंध में सभी से पूछताछ जारी है. इन सब के पीछे कौन लोग हैं, पुलिस इन सभी बिंदुओं का पता लगा रही है.
कटिहार के जवाहर नवोदय विद्यालय में पकड़े गये सात मुन्ना भाई
इधर, कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र के जवाहर नवोदय विद्यालय कोलासी में आयोजित नीट यूजी 2024 की परीक्षा में परीक्षा केंद्र से कुल आठ नकली अभ्यर्थियों को परीक्षा देते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. परीक्षा केंद्र संख्या 152205 जवाहर नवोदय विद्यालय कोलासी में सात फर्जी अभ्यर्थी को परीक्षा देते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. जिसको लेकर जवाहर नवोदय विद्यालय के पीजीटी इतिहास सह केंद्र अधीक्षक प्रमोद कुमार ने कोढ़ा थाना में इन फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ एक मामला दर्ज कराया है.
परीक्षा में पंजीकृत अभ्यर्थी अभिषेक कुमार, सिद्धांत नंदन, मनीष कुमार, अभिषेक कुणाल, सत्यम कुमार, दीपक राज, रमेश कुमार के बदले श्यामसुंदर, अशरफ आवेदी, अमित कुमार, रंजन कुमार, अकरम अहमद, सावन कुमार, नितिन कुमार परीक्षा देते हुए पकड़े गये. जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य सह सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ ब्रजेश कुमार ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय केंद्र में कुल 342 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे. जिसमें 325 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे.
बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ाए
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा कॉल पर जानकारी दी गयी की सात अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन डाटा पंजीकृत डाटा से नहीं मिला है. अतः परीक्षा के बाद उन्हें रोका गया एवं पुनः बायोमैट्रिक डाटा का मिलान करवाया गया. जिसके पश्चात डाटा मैच नहीं करने के कारण ज्ञात हुआ कि यह सभी फर्जी अभ्यर्थी हैं. यह सभी अभ्यर्थी मेडिकल पावापुरी नालंदा के सेकंड ईयर के विद्यार्थी हैं. जिसमें नितिन कुमार जवाहर नवोदय विद्यालय कोलासी से ही पढाई किया है.
फिलहाल कोढ़ा पुलिस इन अभ्यर्थियों को अपने कब्जे में लेकर थाना ले गयी एवं अग्रतर कार्रवाई में जुट गई है. बताते चले कि सातों विद्यार्थी किसी दूसरे विद्यार्थी की जगह पर मोटी रकम लेकर परीक्षा देने आए हुए थे. फर्जी तरीके से एग्जाम भी दे रहे थे. पर सातों मुन्ना भाई फर्जी परीक्षा देते हुए पकड़े गये और सभी को कोढ़ा पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
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