देहरादून : तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़नेवाली सायरा बानो ने रविवार को कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए भाजपा के प्रगतिशील दृष्टिकोण ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत की मौजूदगी में शनिवार को पार्टी में शामिल हुई थीं.
सायरा बानो ने कहा, ”मूलरूप से मुस्लिम महिलाओं के लिए भाजपा के प्रगतिशील दृष्टिकोण और तीन तलाक के खिलाफ उसके काम करने की प्रतिबद्धता तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समावेशी विकास के सपने ने मुझे पार्टी में आने के लिए प्रेरित किया.”
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा से वंचित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए वह भाजपा में शामिल हुईं हैं और उन्हें अन्याय से छुटकारा दिलाना चाहती हैं. बानो ने कहा कि वह भाजपा के बारे में गलत धारणाओं को तोड़ने की कोशिश करेंगी कि वह अल्पसंख्यक विरोधी है.
बानो ने कहा, ”मैं अल्पसंख्यकों के प्रति पार्टी के निष्पक्ष इरादों में यकीन करती हूं. पार्टी के अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने की गलत धारणा को टूटना चाहिए.” उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर की निवासी बानो ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगत समेत वरिष्ठ पार्टी नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में स्वागत किया गया.
मालूम हो कि सायरा बानो 2016 में सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक की प्रथा की संवैधानिकता को चुनौती देनेवाली पहली महिला थीं, जिन्हें उनके पति ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से तलाक दिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव लड़ेंगी, उन्होंने कहा कि पार्टी के टिकट का कोई लालच नहीं है. लेकिन, नेतृत्व अगर जिम्मेदारी सौंपेगी, तो वह स्वीकार करने को तैयार हैं.
बानो ने कहा, ”मैं टिकट के लिए भाजपा में नहीं आयी हूं, लेकिन मैं पार्टी द्वारा सौंपी जानेवाली किसी भी जिम्मेदारी को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं. मेरा एकमात्र लक्ष्य मुस्लिम महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए लड़ना है, जो उच्च शिक्षा से दूर रखे जाने जैसे अन्याय को झेल रही हैं.
इस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भगत ने उम्मीद जतायी कि बानो उसी संकल्प के साथ पार्टी की विचारधारा के लिए भी लड़ेंगी, जिसके साथ उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई लड़ी और जीती.