आसनसोल, संतोष विश्वकर्मा : पश्चिम बंगाल में कोयला तस्करी मामले (Coal Scam Case) के मुख्य आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला ने मंगलवार को आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया.जिसके बाद अदालत से उन्हें सशर्त जमानत की मंजूरी मिल गयी. उन्हें 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई. मंगलवार सुबह लाला ने विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. मंगलवार की सुनवाई में विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ने मामले की जांच में सीबीआई की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने सवाल किया कि तीन साल तक सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा मिलने के बावजूद लाला के खिलाफ सीबीआई शीर्ष अदालत में क्यों नहीं गई.
21 मई को पेश होगी चार्जशीट
अदालत ने कहा कि जमानत की शर्त के तौर पर लाला को जांच में सहयोग करना होगा. निचली अदालत के आदेश के मुताबिक, अगले सोमवार यानि की 21 मई को कोयला तस्करी मामले में सीबीआई अदालत में चार्जशीट पेश करेगी. इसके बाद इस मामले की सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है. विशेष अदालत के आदेश के मुताबिक, मामले की सुनवाई के दिनों में लाला को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा.
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क्या है मामला
2020 में कोयला तस्करी मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की थी. जब राज्य के विभिन्न रेलवे साइडिंग से कोयला चोरी का मामला सामने आया तो पहले आयकर विभाग, फिर सीबीआई ने कोयला घोटाले की जांच शुरू की. लाला के घर, कार्यालय की तलाशी ली गई.संपत्ति जब्त कर ली गई. लाला के साथी माने जाने वाले गुरुपद मांझी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. हालांकि तीनों को जमानत मिल गई, लेकिन गुरुपद अभी भी दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद हैं.
गौ तस्करी के आरोपी इनामुल हक से भी लाला की थी जान-पहचान
इससे पहले सीबीआई सूत्रों से पता चला था कि गौ तस्करी के आरोपी इनामुल हक की भी लाला से साठगांठ थी. कोयला तस्करी के दौरान लाला इनामुल के ‘सिंडिकेट’ की मदद लेता था. उत्तर बंगाल समेत पड़ोसी राज्यों में भी तस्करी हुई. राजनीतिक समर्थन के अलावा, सीबीआई का यह भी दावा है कि पुलिस-प्रशासन का एक वर्ग, ईस्टर्न कोल्डफील्ड, रेलवे अधिकारी लाला के संपर्क में हैं.