देवघर एयरपोर्ट में लैंडिंग के लिए बाधक बने सात मकानों को तोड़ने के लिए निकाला गया टेंडर
जानकारी के अनुसार, विभाग हर हाल में मार्च के अंत तक भवन को गिराने व मलबे को साफ कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को हैंडओवर करने की तैयारी है.
देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग व विमान कैंसिलेशन की समस्या जल्द ही दूर होने वाली है. इसके लिए एयरपोर्ट के समीप बाधक बने रहे सात ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए हाइकोर्ट का आदेश जारी होने के बाद डीसी ने भवन को तोड़ने का आदेश दे दिया है. इन भवनों को तोड़ने में विभाग की ओर से कुल 15,33,260 रुपये खर्च किये जायेंगे. बुधवार को भवनों का निरीक्षण कर तोड़ने वाले भाग की मेंपिंग करने के लिए एसी संजय कुमार दस के अगुवाई में गठित टीम ने भवनों को तोड़ने वाले हिस्से में दाग लगाकर डीसी कार्यालय को रिपोर्ट सौंप दी है. वहीं भवन प्रमंडल विभाग ने मकान को तोड़ने के लिए निविदा भी निकाल दी है. निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 26 फरवरी सोमवार दोपहर तीन बजे तक रखी गयी है तथा इसी दिन साढ़े तीन बजे निविदा को खोलने की तिथि रखी गयी है. विभाग ने निविदा के समय ही शर्त रखा है कि जिसे भी वर्क ऑर्डर दिया जायेगा, उसे एक महीने के अंदर मकान को तोड़कर सारे मलबा व कचरे को वहां से हटा देना है तथा वहीं अगर किसी तरह की कोई दुर्घटना होती है, तो विभाग पर इसकी कोई जिम्मेवारी नहीं होगी. इसके अंतर्गत उर्मिला देवी के दो मकान समेत शिवेंदू पांडे, अजय पांडे, गंगाधर पांडे, मणिकांत पांडे तथा शिवशंकर पांडे के मकान टूटेंगे.
मार्च के पहले मकान तोड़ने का लक्ष्य, अप्रैल से उड़ान सेवा सामान्य होने की संभावना
जानकारी के अनुसार, विभाग हर हाल में मार्च के अंत तक भवन को गिराने व मलबे को साफ कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को हैंडओवर करने की तैयारी है. वहीं एयरपोर्ट प्रबंधन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगर प्रशासन मार्च तक मकान को तोड़कर सूचित कर देता है, तो अप्रैल के पहले या दूसरे सप्ताह से ही लैंडिंग की समस्या समाप्त हो जाएगी, एयरपोर्ट में लैंडिग और विजिबिलिटी के लिए सारे एक्यूमेंट को स्टॉल करने का काम पूरा कर लिया गया है तथा सिविल वर्क का काम भी करीब-करीब पूरा हो चुका है.