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झारखंड: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने BAU के एग्रोटेक किसान मेले का किया उद्घाटन, पांच प्रगतिशील किसान सम्मानित

Kisan Mela: रांची के बीएयू में एग्रोटेक किसान मेले का आयोजन किया गया है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने शनिवार को इसका उद्घाटन किया.

Kisan Mela: रांची-केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश में दूसरी हरित क्रांति संबंधी वैज्ञानिक प्रयासों में पारिस्थितिकी संतुलन और मिट्टी के टिकाऊ स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. जल, जंगल, जमीन और प्राकृतिक जीवन व्यवस्था से न्यूनतम छेड़छाड़ करते हुए कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास होगा. वे शनिवार को बीएयू (बिरसा कृषि विश्वविद्यालय) में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेले का उद्घाटन करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन पद्धति और भारतीय मिट्टी में बहुत ताकत है. यहां की मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों को बचाए रखने के लिए सजगता के साथ अगली कृषि क्रांति के लिए सबको काम करना होगा. उन्होंने इस दौरान पांच प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया.

झारखंड में कृषि विकास के लिए नहीं रहेगी कोई कमी
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने झारखंड को पूरा सम्मान देने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत बिरसा भगवान की जन्मस्थली और उलिहातू से की एवं जंगल, पहाड़, पठार में रहनेवाले देश के 75 प्रिमिटिव ट्राइब्स के संरक्षण के लिए 24000 करोड़ रुपए की योजना जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान की शुरुआत झारखंड से की. पूर्वी भारत और झारखंड में कृषि विकास के लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. झारखंड के सभी 32 हजार गांवों के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड बने, इसमें बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को अग्रणी भूमिका निभानी है.

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पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं मिलेट्स
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पहली हरित क्रांति के फायदे मिले किंतु हम यह ध्यान नहीं रख पाए कि रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा प्रयोग से मिट्टी को कितना नुकसान हुआ और आने वाली पीढ़ी के लिए हम मिट्टी को उसके प्राकृतिक स्वरूप में संरक्षित रख पाए या नहीं. जहां हमारा उदर भर रहा है वहीं बीमारियां भी आ रही हैं. वैश्विक तापक्रम में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन से पूरी दुनिया प्रभावित है, किंतु हम सबों को देखना है कि अपने-अपने क्षेत्र में हम इससे निपटने के लिए क्या कर सकते हैं. पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट्स हमारी प्राचीन परंपरा, पर्व त्योहार और पूजन पद्धति का अंग रहे, उन्हें हम विस्मृत कर रहे थे किंतु प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष की अवधारणा प्रस्तुत कर पूरी दुनिया को इन फसलों को बचाने, बढ़ाने बढ़ाने का संदेश दिया.

पांच प्रगतिशील किसान सम्मानित
केंद्रीय अर्जुन मुंडा ने नवोन्मेषी कृषि के लिए पांच प्रगतिशील किसानों बोकारो की संगीता देवी, गढ़वा के शिवनाथ कुशवाहा, पाकुड़ के मैनेजर हांसदा, साहिबगंज के मेरिटा हेंब्रम, एवं रांची के रवि कुमार महतो को सम्मानित किया.

बागवानी के क्षेत्र में संभावनाओं का हो सदुपयोग
रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी समाज से द्रौपदी मुर्मू के रूप में पहला राष्ट्रपति और अर्जुन मुंडा के रूप में पहला कृषि मंत्री देने का यशस्वी कार्य किया. बीएयू के 40 किलोमीटर रेडियस में सब्जी और फल उत्पादन का बड़ा क्षेत्र है, जहां से पड़ोसी राज्यों के अलावा मुंबई और कर्नाटक तक उत्पाद जाते हैं. बागवानी के क्षेत्र में यहां की संभावनाओं का समुचित उपयोग होना चाहिए.

बागवानी, पशु उत्पादन एवं मत्स्य उत्पादन का हो सकता है बड़ा हब
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक ने कहा कि झारखंड बागवानी, पशु उत्पादन एवं मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़े हब के रूप में उभर सकता है. इसके उत्पादों की मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होगी. इसके लिए आर्थिक सहयोग के साथ-साथ पॉलिसी सपोर्ट की भी आवश्यकता है. अगली हरित क्रांति में मिट्टी और जलस्तर में पंजाब-हरियाणा जैसा दुष्परिणाम नहीं आए. इस पहलू का पूरा ख्याल रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि आईसीएआर के सभी शोध संस्थानों और देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों आपस में मिलकर वन आईसीएआर की अवधारणा के साथ काम करना है. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील चंद्र दुबे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की गतिविधियां और उपलब्धियां पर प्रकाश डाला.

बड़े कोल्ड स्टोरेज खुलें
कांके के विधायक समरी लाल ने कहा कि कांके बड़ा कृषि उत्पादक क्षेत्र है. इसलिए यहां कई बड़े कोल्ड स्टोरेज खुलने चाहिए तथा दशकों से बंद पड़ी एशिया फेम बेकन फैक्ट्री को शीघ्र प्रारंभ करना चाहिए. इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजित कुमार सिन्हा तथा भारतीय कृषि जैवप्रौद्योगिकी संस्थान, रांची के निदेशक डॉ सुजय रक्षित ने भी अपने विचार रखे.

किसान मेले में लगे हैं 130 स्टॉल
एग्रोटेक मेला में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों, आईसीआर के संस्थानों, बीज ,उर्वरक के निर्माताओं, सरकारी विभागों, बैंकों तथा स्वयंसेवी संगठनों ने 130 स्टॉल में अपनी प्रौद्योगिकी, उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया है. आयोजन में राज्य के सभी 24 जिलों के किसान भाग ले रहे हैं. किसानों ने मेला परिसर में स्थापित कृषि परामर्श केंद्र में खेतीबारी संबंधी तकनीकी जिज्ञासा और समस्याओं का समाधान प्राप्त किया.

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