मतदाताओं को लुभाने के लिए वाराणसी के गांवों का दौरा करेंगे केजरीवाल

वाराणसी : धार्मिक नगरी वाराणसी से प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा करने के बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल ने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं विशेष रुप से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लुभाने के लिए आज एक रोड शो किया. वाराणसी में पांच विधानसभा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2014 11:16 AM

वाराणसी : धार्मिक नगरी वाराणसी से प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा करने के बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल ने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं विशेष रुप से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लुभाने के लिए आज एक रोड शो किया. वाराणसी में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें से तीन वाराणसी उत्तर, दक्षिण और छावनी विधानसभा क्षेत्र की प्रकृति मोटे तौर पर शहरी और अर्द्ध शहरी है.

रोड शो मुख्य तौर पर रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा. इसके साथ ही यह भी उम्मीद है कि केजरीवाल यहां के सिगरा स्टेडियम में अपने समर्थकों से मिलेंगे. केजरीवाल ने मंदिरों के शहर वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकार की थी. उन्होंने मोदी का मुकाबला करने को लेकर गत कई सप्ताह से जारी अनिश्चितता को समाप्त करते हुए कल यहां एक रैली में इसकी घोषणा की थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि वह भ्रष्ट लोगों को हराना चाहते हैं.

केजरीवाल ने कहा था, मैं यह चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं लेकिन मुझे आपका समर्थन चाहिए। मेरे पास चुनाव लडने के लिए पैसे नहीं हैं. मदन मोहन मालवीय ने लोगों से भिक्षा लेकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का निर्माण किया था और मुझे वैसे ही करना पडेगा.

उन्होंने मोदी पर औद्योगिक घरानों का एजेंट होने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि वह सत्ता में आये तो ह्यह्यकिसानों से जमीनें छीनी जाएंगी और अदानी और अंबानियों को सस्ते दामों पर दे दी जाएंगी. किसानों के समक्ष आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

केजरीवाल ने कहा था कि मीडिया का एक वर्ग मोदी के गुजरात का विकास करने के बारे में मिथक बनाये हुए है जबकि वास्तविकता यह है कि भाजपा नेता किसानों की जमीनें औद्योगिक घरानों को भेंट कर रहे हैं और ऐसी नीतियां का पालन कर रहे हैं जो कि छोटे व्यापारियों के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात में 60 हजार छोटे और मध्यम उद्यम बंद हो चुके हैं जिसका उद्देश्य बडे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना है.

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