गैंग रेप की दोबारा धमकी मिलने पर 8वीं की छात्रा ने दे दी जान, थाना प्रभारी निलंबित, 5 गिरफ्तार

बागपत: उत्तर प्रदेशमें बागपत के रमाला थाना क्षेत्र के एक गांव में कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म की शिकार आठवीं कक्षा की छात्रा ने आरोपियों द्वारा दोबारा सामूहिक दुष्कर्म की धमकी मिलने पर फांसी लगाकर कथितरूप से आत्महत्या कर ली है. शुरुआत में मामले को गृह-कलह के कारण आत्महत्या बताने वाली पुलिस ने मामले को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2017 6:26 PM

बागपत: उत्तर प्रदेशमें बागपत के रमाला थाना क्षेत्र के एक गांव में कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म की शिकार आठवीं कक्षा की छात्रा ने आरोपियों द्वारा दोबारा सामूहिक दुष्कर्म की धमकी मिलने पर फांसी लगाकर कथितरूप से आत्महत्या कर ली है. शुरुआत में मामले को गृह-कलह के कारण आत्महत्या बताने वाली पुलिस ने मामले को तूल पकड़ता देख पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है. वहीं, बागपत के पुलिस अधीक्षक ने घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया है.

पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश ने बताया कि घटना के संबंध में आरोपी सोनू, मोनू, रोहित, सागर और पप्पू को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पांचों को अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है. जयप्रकाश ने कहा कि इस संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित रमाला थाने के तत्कालीन प्रभारी शरद तिलारा को निलंबित कर उनके खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्यवाही की जा रही है.

पुलिस के अनुसार लड़की की मां ने बताया कि गांव के एक विद्यालय में आठवीं कक्षा की छात्रा उनकी बेटी करीब चार महीने पहले पास स्थित एक दुकान से सामान लेने गयी थी. करीब 15 वर्ष आयु की यह किशोरी जब घर नहीं लौटी तो परिवार ने गांव के ही पांच युवकों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करवाया, लेकिन पुलिस ने नामजद शिकायत मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की.

किशोरी की मां का कहना है कि घटना के पांच दिन बाद आरोपी किशोरी को रमाला थाने के बाहर फेंककर फरार हो गये. होश आने पर किशोरी ने बताया कि पांच युवकों ने उसका गांव से अपहरण किया और बंद कमरे में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. घटना की स्थानीय पुलिस से शिकायत की गयी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा आरोपियों को क्लीन चिट दे दी.

मृतका की मां के अनुसार शुक्रवार 13 अक्तूबर की सुबह उनकी बेटी पड़ोसी की दुकान पर कुछ सामान लेने गयी थी. वहां एक बार फिर आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की धमकी दी. घर आकर उसने परिवार को धमकी के बारे में बताया. इससे पहले कि परिजन घटना की सूचना पुलिस को दे पाते छात्रा ने आत्महत्या कर ली.

पुलिस का तर्क है कि किशोरी के साथ पहले सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था, इसलिए फाइनल रिपोर्ट लगाकर उसे अदालत में दाखिल किया गया. दूसरी ओर परिजनों का दावा है कि मेडिकल रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. किशोरी के बयान भी दर्ज हुए थे. बावजूद इसके, पुलिस ने मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर आरोपियों को क्लीन चिट दे दी. शनिवार को पुलिस सुरक्षा के बीच मृतका का अंतिम संस्कार किया जा सका.

जयप्रकाश का कहना है कि वह पुराने मुकदमे की जांच करवा रहे हैं कि किस आधार पर आरोपियों को क्लीनचिट देकर फाइनल रिपोर्ट लगायी गयी. घटना के संबंध में रमाला थाने के वर्तमान थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी. मामला उनके पूर्ववर्ती प्रभारी के कार्यकाल के दौरान है, इसलिए उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

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